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यूलिप पर कर बदलाव से इक्विटी म्युचुअल फंडों में बढ़ेगा निवेश

Last Updated- December 12, 2022 | 8:06 AM IST

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) पर कर में बदलाव से 30 लाख करोड़ रुपये वाले म्युचुअल फंड उद्योग को निवेश में बढ़ोतरी की उम्मीद है। यूलिप की प्रतिस्पर्धा इक्विटी योजनाओं से होती है, लेकिन यह बीमा उद्योग पेश करता है।
जनवरी में इक्विटी एमएफ ने लगातार सातवें महीने निवेश निकासी का सामना किया और कुल निकासी 42,000 करोड़ रुपये रही। इस महीने से 2.5 लाख रुपये से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाली यूलिप पॉलिसी पर उसी आधार पर कर लगाया जाएगा जैसा कि इक्विटी वाली म्युचुअल फंड यूनिट के हस्तांतरण पर मिलने वाले पूंजीगत लाभ कर लगाया जाता है।
उद्योग की कंपनियों ने कहा कि इस कदम से झुकाव म्युचुअल फंड की ओर होगा, जो कम लागत और ज्यादा पारदर्शिता सामने रखता है। डेलॉयट के एक नोट में कहा गया है, इस संशोधन से बीमा सह निवेश योजना के तौर पर यूलिप की चमक कम होने की संभावना है क्योंकि पहले निवेशक कुछ निश्चित यूलिप में पूरी कर छूट का लाभ उठाते थे।
विशेषज्ञों ने कहा, जब एकमुश्त बड़ी रकम के निवेश का मामला आएगा तो इक्विटी एमएफ को यूलिप का फायदा मिल सकता है।
यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी जी. प्रदीपकुमार ने कहा, यूलिप की तरफ से पेश जीवन बीमा कवर सीमित था और यह एक निवेश योजना की तरह जगह बनाए हुए था। ऐसे में शुद्ध रूप से निवेश के लिहाज से इक्विटी एमएफ, यूलिप के मुकाबले ज्यादा लाभकारी है। मुझे उम्मीद है कि इन बदलावों से धनाढ्य निवेशक (एचएनआई) इक्विटी योजनाओं में ज्यादा निवेश करेंगे।
यूलिप अपने पॉलिसीधारकों को बीमा व निवेश का विकल्प मुहैया कराता है। यूलिप के प्रीमियम का एक हिस्सा पॉलिसीधारक के बीमा में और एक हिस्सा निवेश में जाता है। बजट से पहले परिपक्वता पर मिलने वाली रकम धारा 10 (10 डी) के तहत करमुकक्त हुआ करती थी।
बजट मेंं सरकार ने यूलिप के कराधान में बदलाव का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत 2.5 लाख रुपये तक प्रीमियम वाले यूलिप की परिपक्वता पर मिलने वाली रकम कर मुक्त होगी। यूलिप के सालाना प्रीमियम पर लगी सीमा उन पॉलिसी पर लागू होगी, जो एक फरवरी, 2021 या उसके बाद लिए गए हैं।
इसके अलावा बिना छूट वाली यूलिप को म्युचुअल फंडी की तरह ही पूंजीगत लाभ कर पर रियायत मिलेगी। अभी इक्विटी म्युचुअल फंडों पर 10 फीसदी पूंजीगत लाभ कर और सेस लगता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एक वित्त वर्ष में लाभ एक लाख रुपये से ज्यादा हुआ हो। एक लाख रुपये तक के लाभ पर पूंजीगत लाभ कर नहींं लगता।
उद्योग की कंपनियों ने कहा कि यूलिप के मुकाबले एमएफ में निवेश की लागत ज्यादा अनुकूल है। इक्विटी म्युचुअल फंड में कुल खर्च अनुपात 2.25  फीसदी से ज्यादा नहीं है। वहींं यूलिप पर कई शुल्क मसलन आवंटन शुल्क, पॉलिसी प्रशासन शुल्क, मोर्टलिटी और फंड मैनेजमेंट चार्ज लगता है।
प्रदीप कुमार ने कहा, फंड के प्रदर्शन के अलावा इक्विटी योजनाओं में यूलिप के मुकाबले ज्यादा नकदी होती है क्योंकि इसमें लॉक इन पीरियड नहीं होता। म्युचुअल फंड कंपनियां इस तिमाही में सकारात्मक असर की उम्मीद कर रहे हैं, जब कर बचत संबंधी मांग के कारण निवेश में मजबूती आएगी।

First Published - February 19, 2021 | 8:42 PM IST

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