अक्टूबर में भारत के शेयर सूचकांकों ने सात महीने में अपनी सबसे बड़ी मासिक बढ़त दर्ज की। मजबूत कॉर्पोरेट आय और उचित कीमतों ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया। निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स ने अक्टूबर में क्रमश: 4.5 फीसदी और 4.6 फीसदी की बढ़त हासिल की और अभी ये सितंबर 2024 के अपने अब तक के उच्चतम स्तर से क्रमश: 2.1 फीसदी और 2.4 फीसदी नीचे हैं।
दिन के दौरान निफ्टी 50 करीब 0.6 फीसदी गिरकर 25,722.1 पर जबकि सेंसेक्स 0.55 फीसदी गिरकर 83,938.71 पर रहा। यह गिरावट निजी ऋणदाताओं पर नए सूचकांक पात्रता नियमों के कारण संभावित पूंजी निकासी के दबाव के कारण आई। बाजार नियामक ने गुरुवार को कहा था कि डेरिवेटिव अनुबंधों से जुड़े बैंक शेयरों के सूचकांकों का मार्च 2026 से चरणबद्ध तरीके से पुनर्गठन किया जाएगा।
अनुमान है कि इससे एचडीएफसी बैंक से 30 करोड़ डॉलर और आईसीआईसीआई बैंक से 19 करोड़ डॉलर की राशि बाहर जाएगी। ये इन बेंचमार्क के सबसे ज्यादा वजनी शेयर हैं। दिन के कारोबार में दोनों क्रमश: 1.1 फीसदी और 1.3 फीसदी नीचे बंद हुए। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और शोध प्रमुख जी चोक्कलिंगम कहते हैं, ‘यद्यपि 26,000 के स्तर के पास कुछ मुनाफावसूली देखने को मिली। लेकिन अक्टूबर बाजारों के लिए मजबूत वापसी का महीना रहा क्योंकि कमाई के मोर्चे पर कोई बड़ी निराशा नहीं रही। हम अभी भी अन्य बाजारों की तुलना में प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं लेकिन सितंबर 2024 की तुलना में गिरावट आई है।’
उन्होंने कुछ हद तक विदेशी निवेशकों की खरीदारी वापस आ रही है। खासतौर पर तब जबकि आय बढ़ने वाली है और बेहतर मॉनसून के चलते मुद्रास्फीति नियंत्रण में रह सकती है। विदेशी निवेशकों ने गुरुवार तक अक्टूबर में 1.94 अरब डॉलर मूल्य के देसी शेयर खरीदे और इस तरह तीन महीनों की इनकी निकासी थमी। सभी 16 प्रमुख सेक्टर अक्टूबर में बढ़त में रहे। स्माल कैप और मिड कैप सूचकांक क्रमश: 4.7 फीसदी और 5.8 फीसदी बढ़े।
वित्तीय संस्थानों, बैंकों और निजी ऋणदाताओं के शेयर अक्टूबर में 4.3 फीसदी से 6 फीसदी के बीच बढ़े। एचडीएफसी और ऐक्सिस बैंक के मजबूत नतीजों से इन्हें मदद मिली। आईटी क्षेत्र में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो टीसीएस, एचसीएल टेक और विप्रो के उम्मीद से बेहतर परिणामों के कारण हुई।
तेल से लेकर दूरसंचार तक फैले समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने अक्टूबर में 9 प्रतिशत की छलांग लगाई, क्योंकि दूसरी तिमाही में उसका लाभ 10 प्रतिशत बढ़ा। ज्वैलरी कंपनी टाइटन और एपएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया ने सकारात्मक तिमाही परिणामों के बाद क्रमशः 11.3 प्रतिशत और 10.3 प्रतिशत की बढ़त हासिल की।