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सीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

सीआईआई ने कहा कि कर मुकदमेबाजी व्यवसायों पर लगातार बोझ बनी हुई है और आयुक्त (अपील) के समक्ष लगभग 18 लाख करोड़ रुपये की पांच लाख से ज्यादा अपील लंबित हैं।

Last Updated- November 01, 2025 | 10:41 AM IST
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह केंद्रीय बजट 2026-27 में कर प्रणाली को भरोसेमंद, सरल और तकनीक पर आधारित बनाए, जिसमें विवादों के त्वरित समाधान और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के आसान नियमों पर ध्यान दिया जाए।

गुरुवार को सीआईआई की राजस्व सचिव से मुलाकात हुई। इसके बाद परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजित बनर्जी ने कहा, ‘भारत की अगली छलांग के लिए सिद्धांत-आधारित, तकनीक-सक्षम और भरोसेमंद कर प्रणाली की जरूरत है।’

सीआईआई ने कहा कि कर मुकदमेबाजी व्यवसायों पर लगातार बोझ बनी हुई है और आयुक्त (अपील) के समक्ष लगभग 18 लाख करोड़ रुपये की पांच लाख से ज्यादा अपील लंबित हैं। उसने सरकार से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के मामलों को तेजी से निपटाने और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की वर्चुअल सुनवाई और कड़ी निगरानी के जरिये एक साल के भीतर उनके निपटारे का अनुरोध किया।

उसने सुझाव दिया कि मुख्य अपील के निपटारे तक जुर्माने की कार्यवाही रोक दी जानी चाहिए और अंतिम रूप देने से पहले मसौदा आदेशों को तथ्यों की जांच के लिए साझा किया जाना चाहिए। सीआईआई ने सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के अधीन अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) को बहाल करने की भी मांग की जिसे छह महीने के भीतर बाध्यकारी निर्णय देने का अधिकार दिया जाए।

First Published - November 1, 2025 | 10:41 AM IST

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