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कभी 2,529 कभी 8,000 और अब 72,000 से नीचे! शेयर बाजार की 4 सबसे बड़ी गिरावटों की कहानी

ये पहली बार नहीं है जब भारतीय शेयर बाजार ने इतनी बड़ी गिरावट एक दिन में देखी हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है।

Last Updated- April 07, 2025 | 6:33 PM IST
stock market

7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी 50 में जबरदस्त गिरावट आई, जो पिछले चार सालों में सबसे बड़ी मानी जा रही है। ये गिरावट सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही – जापान का निक्केई 225 इंडेक्स भी 8% टूट गया और लोअर सर्किट लग गया।

कितना गिरा बाजार?

सेंसेक्स सोमवार को 3,939.68 अंक यानी 5.22% गिरकर 71,425.01 के स्तर तक पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 50 में 1,160.8 अंकों की गिरावट आई और यह 5.06% टूटकर 21,743.65 के स्तर तक पहुंच गया। खास बात यह रही कि सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट आई, जिनमें कुछ स्टॉक्स 12% तक टूटे।

गिरावट की वजह क्या रही?

इस बड़ी गिरावट के पीछे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ (शुल्क) बढ़ाने की घोषणा रही। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका से होने वाले आयात पर 34% टैरिफ लगा दिया। इस ट्रेड वॉर के चलते ग्लोबल मार्केट में घबराहट फैली और इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।

ये पहली बार नहीं है…

ये पहली बार नहीं है जब भारतीय शेयर बाजार ने इतनी बड़ी गिरावट एक दिन में देखी हो। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है:

1. कोविड-19 क्रैश (2020)

मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सेंसेक्स 41,000 से गिरकर 25,981 तक पहुंच गया। लेकिन तेजी से उठाए गए कदमों (जैसे ब्याज दरों में कटौती और लिक्विडिटी बढ़ाना) की वजह से बाजार 8 महीनों में फिर से 41,000 तक लौट आया। नवंबर 2020 तक सेंसेक्स में 58% की रिकवरी हो चुकी थी। सितंबर 2021 तक सेंसेक्स 60,000 को पार कर गया और सितंबर 2024 में 85,978.25 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा।

2. ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस (2008)

2008 में आई वैश्विक आर्थिक मंदी ने भारतीय बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया। सेंसेक्स 21,000 से गिरकर मार्च 2009 में 8,000 के पास पहुंच गया। लेकिन वैश्विक राहत पैकेज और ब्याज दरों में कटौती से बाजार में जान लौटी। नवंबर 2010 तक सेंसेक्स फिर से 21,000 तक पहुंच गया — यानी दो साल में 162% की रिकवरी।

3. केतन पारेख घोटाला / डॉट-कॉम बबल (2001)

2001 में केतन पारेख घोटाले और डॉट-कॉम बबल फूटने से सेंसेक्स 4,200 से गिरकर 2,594 तक आ गया। बाजार को संभलने में समय लगा, लेकिन 2003 से रिकवरी शुरू हुई और 2004 तक सेंसेक्स फिर 4,200 के करीब आ गया। इस दौरान IT सेक्टर और तेज GDP ग्रोथ ने मदद की।

4. हर्षद मेहता घोटाला (1992)

1992 में हर्षद मेहता घोटाले के बाद सेंसेक्स 4,467 से गिरकर 2,529 तक आ गया। बाजार को पुराना स्तर छूने में करीब 4 साल लगे। 1996 में सेंसेक्स फिर से 4,600 के पार गया। इस रिकवरी में आर्थिक सुधार, निवेशकों की जागरूकता और मजबूत रेगुलेशन का बड़ा रोल रहा।

First Published - April 7, 2025 | 6:30 PM IST

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