भारत में सॉफ्टबैंक के शुरुआती दांव अब फल देने लगे हैं। जापानी निवेशक ने लेंसकार्ट पर लगभग 5.4 गुना रिटर्न दर्ज किया और शेयर बाजार में सूचीबद्धता से पहले मीशो में निवेश बनाए रखने का विकल्प चुना है। वह अपने वैश्विक निवेशकों को भारत से अब तक लगभग 7 अरब डॉलर लौटा चुका है। उसकी भारतीय बाजार में 3 अरब डॉलर की और लिक्विड होल्डिंग है।
सूत्रों ने पुष्टि की कि मूल्यवान ई-कॉमर्स कंपनी मीशो में सॉफ्टबैंक का निवेश 2 गुना हो चुका है। फर्म ने पहली बार 2 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर निवेश किया था और 3.75 अरब डॉलर पर फॉलो-ऑन निवेश किया था। जानकार सूत्रों ने कहा कि मीशो की सूचीबद्धता के बाद कंपनी की सार्वजनिक होल्डिंग लगभग 4 अरब डॉलर होगी।
भारत में ऐसे रिटर्न के बावजूद सॉफ्टबैंक ने पिछले दो से तीन वर्षों में भारतीय स्टार्टअप तंत्र में कोई बड़ा नया निवेश नहीं किया है। अलबत्ता वह इस बात को लेकर आश्वस्त है कि भारत की प्रौद्योगिकी गाथा अब भी शुरुआती दौर में है।
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की होड़ और शुरुआती निवेशकों को रिटर्न के बारे में पूछे जाने पर सॉफ्टबैंक में पार्टनर सार्थक मिश्र ने कहा कि आईपीओ की ताजा लहर का संबंध निकासी के बारे में कम और संस्थापकों, प्रबंधन टीमों तथा बड़े स्तर वाले प्रौद्योगिकी तंत्र की परिपक्वता की पुष्टि के बारे में अधिक है।
मिश्रा ने कहा, ‘यह प्रौद्योगिकी तंत्र के लिए बड़ी पुष्टि है। ये ऐसी कंपनियां और प्रबंधन हैं जिन्होंने उनसे पहले शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली कुछ कंपनियों को देखा है। उन्होंने अपना कारोबार बनाया है, उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नरमी के साथ-साथ फंडिंग की होड़ भी देखी है, उनमें से कुछ का मार्गदर्शन किया है और अपने कारोबारों को इस तरह से बनाया है कि अब उन्हें लगता है कि यह शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का सही वक्त है।’