facebookmetapixel
Market Outlook: महंगाई डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स तय करेंगे इस हफ्ते शेयर बाजार की चालFPI ने सितंबर के पहले हफ्ते में निकाले ₹12,257 करोड़, डॉलर और टैरिफ का असरMCap: रिलायंस और बाजाज फाइनेंस के शेयर चमके, 7 बड़ी कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹1 लाख करोड़ का इजाफालाल सागर केबल कटने से दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड हुई स्लो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों पर असरIPO Alert: PhysicsWallah जल्द लाएगा ₹3,820 करोड़ का आईपीओ, SEBI के पास दाखिल हुआ DRHPShare Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसमपांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदा

क्या MSCI के अगस्त रिव्यू के बाद HDFC बैंक का शेयर खरीदना रहेगा बेहतर विकल्प? एनालिस्ट्स बता रहे स्ट्रेटेजी

Nuvama Alternative & Quantitative Research के अनुसार, HDFC Bank के वेटेज में मौजूदा वृद्धि से HDFC बैंक के शेयरों में 1.8 बिलियन डॉलर यानी 9.3 करोड़ शेयरों का फ्लो हो सकता है।

Last Updated- August 13, 2024 | 3:27 PM IST
HDFC Bank Share price

HDFC Bank stock strategy: मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल (MSCI) के अगस्त रीबैलेंसिंग के दौरान उम्मीद से कम वेटेज में बढ़ोतरी की वजह से आज यानी 13 अगस्त को HDFC बैंक का शेयर 3% से ज्यादा गिरा। हालांकि, एनालिस्ट्स का मानना है कि लंबे समय के निवेशक, MSCI की तरफ से इंडेक्स में शामिल किए जाने की प्रक्रिया की परवाह किए बगैर इस शेयर में निवेश जारी रख सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह बैंक भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक है।

हालांकि, शॉर्ट टर्म के नजरिये से निवेशकों को स्टॉक में साइडवे मूवमेंट की उम्मीद करनी चाहिए। बता दें कि साइडवे मूवमेंट एक स्थिति होती है जहां स्टॉक की कीमत एक अवधि के लिए एक निश्चित सपोर्ट और रेजिस्टेंस रेंज के भीतर बनी रहती है।

HDFC Bank के शेयरों को लेकर शॉर्ट-टर्म चिंताएं:

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के बैंकिंग सेक्टर पर नजर रखने वाले रिसर्च एनालिस्ट अनविन एबी जॉर्ज ने कहा, ‘MSCI न्यूज के बाद स्टॉक का शुरुआती निगेटिव रिएक्शन काफी हद तक ट्रेडर्स का रिएक्शन है, और भले ही वेट परसेंटेज कम है मगर इसके बावजूद MSCI का ऐलान पॉजिटिव होने के कारण स्टॉक में सुधार होगा। हालांकि, स्टॉक शॉर्ट टर्म में साइडवे ट्रेड कर सकता है क्योंकि HDFC Bank ने फिक्स्ड डिपॉजिट दरें (FD Rates) बढ़ा दी हैं, जो अगली कुछ तिमाहियों में इसके मार्जिन को प्रभावित कर सकती हैं।’

आज यानी 13 अगस्त को, इंट्राडे ट्रेड में BSE पर HDFC बैंक का शेयर प्राइस 3.3 प्रतिशत गिरकर 1,605 रुपये प्रति शेयर पर आ गया और बेंचमार्क सूचकांकों पर यह सबसे बड़ी गिरावट थी।

HDFC बैंक के शेयर की कीमत में गिरावट MSCI की घोषणा के बाद आई कि HDFC बैंक का वेटेज धीरे-धीरे, दो चरणों में 1 के फुल वेट तक बढ़ाया जाएगा। 30 अगस्त को आने वाली रीबैलेंसिंग में, इसके मुकाबले सिर्फ 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की वृद्धि की जाएगी जबकि, बाजार को उम्मीद थी कि यह बढ़ोतरी 50 bps होगी।

MSCI ने कहा, “एडजस्टमेंट फैक्टर की बाकी बची बढ़ोतरी 0.75 से 1 तक नवंबर इंडेक्स रिव्यू के हिस्से के रूप में लागू की जाएगी, बशर्ते उस समय विदेशी निवेश की गुंजाइश कम से कम 20 प्रतिशत बनी रहे।’

नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च (Nuvama Alternative and Quantitative Research) के अनुसार, वेटेज में मौजूदा वृद्धि से HDFC बैंक के शेयरों में 1.8 बिलियन डॉलर यानी 9.3 करोड़ शेयरों का फ्लो हो सकता है।

मुख्य चुनौतियां

भले ही MSCI अपडेट पॉजिटिव हो, HDFC बैंक को निकट भविष्य में कई फंडामेंटल चैलेंज का सामना करना पड़ सकता है और निवेशकों को अस्थिर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

Equinomics Research के फाउंडर और रिसर्च हेड जी चोक्कालिंगम ने कहा, ‘HDFC बैंक की मध्यम से दीर्घकालिक (medium-to-long term) चुनौतियां फंडामेंटल हैं। पिछले साल के मुकाबले पूरी इंडस्ट्री की क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट आई है। ज्यादातर बैंकों के लिए जमा पूंजीकरण (Deposit mobilisation) चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस मामले में, HDFC बैंक का क्रेडिट-टु-डिपॉजिट अनुपात (CDR) 100 प्रतिशत से अधिक है, जिसका मतलब है कि बैंक को अपने लोन बढ़ाने में धीमापन लाना पड़ेगा।’

उन्होंने आगे कहा, ‘HDFC बैंक बैंकिंग सेक्टर में बाजार का अग्रणी होने के कारण, उद्योग-व्यापी चुनौतियां इसकी लोन वृद्धि और मार्जिन की दिशा पर भी असर डालेंगी। इसलिए, स्टॉक अगले दो तिमाहियों के लिए प्रदर्शन में पीछे रह सकता है या कम से कम साइडवे ट्रेड कर सकता है।’

रिपोर्ट्स बताती हैं कि सभी कमर्शियल बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ 26 जुलाई तक एक साल पहले की तुलना में 13.7 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इसी अवधि में जमा राशि 10.6 प्रतिशत बढ़ी। जमा में, टर्म डिपॉजिट सबसे तेजी से बढ़ी, जिसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि, बचत जमा (savings deposits) केवल छह प्रतिशत बढ़ी।

HDFC बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (Q1FY25) में अपनी लोन ग्रोथ में तिमाही आधार पर (Q-o-Q) 0.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। यह मुख्य रूप से कॉरपोरेट और होलसेल बुक्स में 5 प्रतिशत की Q-o-Q गिरावट के कारण हुई।

जमा वृद्धि स्थिर रही, जबकि चालू खाता-बचत खाता (CASA) रेशियो Q-o-Q 200 बेसिस पॉइंट गिरकर 36 प्रतिशत हो गया। तिमाही के अंत में CDR 103.5 प्रतिशत था, जो कि अन्य बैंकों के मुकाबले सबसे अधिक था।

JM Financial के प्रबंध निदेशक (MD) और रिसर्च के को-हेड समीर भिसे ने अपने Q1 रिजल्ट रिव्यू में कहा था, ‘जमा में लगातार चुनौतियों के चलते निकट भविष्य में HDFC बैंक की लोन ग्रोथ धीमी रहने की संभावना है।’

First Published - August 13, 2024 | 3:27 PM IST

संबंधित पोस्ट