Vodafone Idea FPO: दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) के तहत एंकर निवेशकों से 5,400 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। कंपनी ने एंकर निवेशकों को इस निर्गम के अधिकतम कीमत दायरे में 11 रुपये भाव से 4.9 अरब शेयर आवंटित किए हैं।
एंकर श्रेणी में कुल 74 योजनाओं में आवंटन किया गया है, जिसमें से अमेरिकी निवेशक जीक्यूजी पार्टनर्स ने 1,347 करोड़ रुपये के शेयरों के लिए आवेदन किया। यह एंकर श्रेणी में उपलब्ध कुल शेयरों का करीब एक-चौथाई है। एफपीओ के अन्य बड़े आवेदकों में फिडेलिटी, स्टिचिंग, रेडव्हील, मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड और ट्रू कैपिटल शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, एंकर श्रेणी में उपलब्ध शेयरों की तुलना में मांग दो से तीन गुना ज्यादा थी। शेयरों की बिक्री प्रक्रिया से जुड़े एक बैंकर ने कहा, ‘इस ऊंची मांग का असर मुख्य खाते पर दिखेगा।’ उन्होंने कहा कि जीक्यूजी मुख्य खाते के जरिये भी और निवेश कर सकती है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार वोडाफोन आइडिया के एफपीओ में जीक्यूजी पार्टनर्स 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर सकती है।
वोडाफोन आइडिया की ‘पूंजी जुटाने वाली समिति’ की मंगलवार को दोपहर 11:45 बजे हुई बैठक में आवंटियों का नाम तय हुआ। वैसे तो एफपीओ खुलने के एक दिन पहले एंकर निवेशकों का आवंटन होता है, लेकिन बुधवार को शेयर बाजार बंद रहने की वजह से मंगलवार को ही आवंटन हो गया।
कुल 18,000 करोड़ रुपये का वोडाफोन आइडिया का एफपीओ अब तक का इस तरह का भारत का सबसे बड़ा इश्यू है। यह इश्यू आवेदन के लिए गुरुवार को खुलेगा और सोमवार को बंद होगा। ऐक्सिस बैंक, जेफरीज इंडिया और एसबीआई कैपिटल एफपीओ का प्रबंधन करने वाले इन्वेस्टमेंट बैंक हैं।
इसी तरह, यह अब तक का तीसरा सबसे बड़ा एंकर आवंटन है। इसके पहले पेटीएम (8,325 करोड़ रुपये) और एलआईसी (5,627 करोड़ रुपये) दो सबसे बड़े एंकर आवंटन वाले निर्गम थे। कुल एंकर खाते का करीब 16.2 फीसदी हिस्सा 11 योजनाओं के द्वारा पांच म्युचुअल फंडों-एचडीएफसी, मोतीलाल ओसवाल, क्वांट, बड़ौदा बीएनपी और 360वन को आवंटित किया गया।
बाजार के जानकारों का कहना है कि एंकर श्रेणी में उत्साहजनक मांग संकटग्रस्त दूरसंचार कंपनी के एफपीओ से पहले धारणा मजबूत करेगी। कंपनी को अपने तगड़े प्रतिद्वंद्वियों, रिलायंस जियो इन्फोकॉम और भारती एयरटेल से सब्सक्राइबर छिन जाने की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।
वोडाफोन आइडिया ने इस एफपीओ के लिए कीमत दायरा 10 से 11 रुपये प्रति शेयर तय किया है। मंगलवार को वोडा आइडिया का शेयर 1.9 फीसदी टूटकर 12.9 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह एफपीओ का ऊपरी कीमत दायरा मौजूदा शेयर कीमत से करीब 15 फीसदी कम है।
इस एफपीओ से वोडा आइडिया जो 18,000 करोड़ रुपये जुटाएगी उसमें से 12,750 करोड़ रुपये कंपनी के मौजूदा क्षमता और नए 4G साइट के विस्तार तथा नए 5G साइट की स्थापना पर खर्च किए जाएंगे। इसमें से करीब 2,175 करोड़ रुपये दूरसंचार विभाग को स्पेक्ट्रम के बकाया भुगतान और वस्तु एवं सेवा कर विभाग को भुगतान पर खर्च किए जाएंगे।
इस एफपीओ से कंपनी की चुकता पूंजी बढ़कर करीब 65,000 करोड़ रुपये और उपलब्ध शेयरों की संख्या बढ़कर 6,500 करोड़ तक हो जाएगी, दोनों भारत में किसी सूचीबद्ध कंपनी के लिए सबसे ज्यादा हैं। इससे कंपनी के शेयर कीमत में दीर्घकालिक स्तर की उछाल आ सकती है।
एफपीओ के बाद वोडाफोन आइडिया में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी मौजूदा 48.75 फीसदी से घटकर 36.87 फीसदी रह जाएगी।
कई विश्लेषकों को लगता है कि एफपीओ के जरिए जो नई पूंजी आएगी, उससे कंपनी को सबस्क्राइबरों की संख्या सुधारने में मदद मिलेगी। हालांकि कुछ जानकारों को इसे लेकर शंका है कि 18,000 करोड़ रुपये कंपनी के लिए पर्याप्त होंगे, खासकर यह देखते हुए कि कंपनी को कुल मिलाकर 1.4 लाख करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है और वोडाफोन आइडिया के नेटवर्क तथा इसके दिग्गज समकक्षों के बीच में बढ़ती खाई को पाटने के लिए भारी पूंजी की जरूरत है।
इस मोबाइल ऑपरेटर को पिछले आठ साल में लगातार घाटा हुआ है। कंपनी को साल 2022-23 में क्रमश: 29,371 करोड़ रुपये और 6,251 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और नकदी घाटा हुआ। ये दोनों आंकड़े हर साल बढ़ते ही जा रहे हैं। कंपनी को अप्रैल से दिसंबर 2023-24 के दौरान क्रमश: 23,563 करोड़ रुपये और 6,681 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और नकदी घाटा हुआ।