पिछले 6 महीनों के दौरान शेयर बाजार में लॉजिस्टिक कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई, क्योंकि नए जमाने के टेक स्टार्टअप से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, ऊंची मालभाड़ा दरों और कमजोर वृहद परिदृश्य से लिस्टेड कंपनियों का विकास परिदृश्य प्रभावित हुआ।
विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि टेक-आधारित स्टार्टअप की बढ़ती लोकप्रियता से संगठित कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है और उनकी बाजार भागीदारी भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए, शेयर-केंद्रित रणनीति मौजूदा हालात में उचित होगी। मुख्य ध्यान उन कंपनियों पर रहना चाहिए जो तेजी से नवीनता ला रही हैं और टेक्नोलॉजी में निवेश कर रही हैं।
वेंचुरा सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख विनीत बोलिंजकार ने कहा, ‘घरेलू लॉजिस्टिक क्षेत्र मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक की पेशकश की वजह से तेजी से बदल रहा है, जिससे रेल या सड़क ढांचे में सुधार आया है, सामान की आसान ढुलाई सक्षम हुई है। इसलिए, यह समय पारंपरिक लॉजिस्टिक कंपनियों के लिए अपनी पुरानी प्रणालियों से बाहर निकलने, और टेक प्लेटफॉर्मों में निवेश करने का है। आगामी वर्षों में बाजार भागीदारी सुरक्षित बनाने का यही एकमात्र तरीका है। नहीं तो, उन्हें लगातार एक अंक की वृद्धि पर संतोष करना होगा और नए जमाने की लॉजिस्टिक कंपनियों के हाथों बाजार भागीदारी गंवानी पड़ेगी।’
सूचीबद्ध कंपनियों में, नए जमाने की टेक स्टार्टअप डेल्हीवरी (Delhivery) ने वित्त वर्ष 2017-22 की अवधि में 5,911 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया जो 51.6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर है।
विश्लेषकों का कहना है कि समान अवधि के दौरान यह वीआरएल लॉजिस्टिक्स (5.8 प्रतिशत CAGR के साथ 2,394 करोड़ रुपये), और TCI Express (10.9 प्रतिशत सीएजीआर के साथ 3,257 करोड़ रुपये) जैसी पारंपरिक लॉजिस्टिक कंपनियों की राजस्व वृद्धि के मुकाबले काफी अधिक है।
शेयर बाजार पर, अलकार्गो लॉजिस्टिक्स, कॉनकोर, गेटवे डिस्ट्रिपार्क्स, महिंद्रा लॉजिस्टिक्स, स्नोमैन लॉजिस्टिक्स, TCI Express, ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Transport Corporation of India) , और वीआरएल लॉजिस्टिक्स (VRL Logistics ) पिछले 6 महीनों के दौरान 27 प्रतिशत तक गिरे हैं। एसीई इक्विटी (ACE Equity ) के आंकड़े से पता चलता है कि वहीं बीएसई के सेंसेक्स में समान अवधि में 1.3 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप में निवेश
कोविड-19 की वजह से सप्लाई चेन मैनेजमेंट प्रभावित होने से निवेशकों और उद्यम पूंजी कंपनियों ने अपने दांव लॉजिस्टिक्स पर लगाने शुरू कर दिए, जिससे ई-कॉमर्स में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई।
मैकिंसी (McKinsey ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के मुकाबले 2021 में लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप के लिए फंडिंग लगभग दोगुनी हो गई। हालांकि 2022 की तीसरी तिमाही तक सालाना आधार पर इसमें 53 प्रतिशत तक की कमी आई।
निवेश का औचित्य
शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा (Sharekhan by BNP Paribas) के सहायक उपाध्यक्ष रोनाल्ड सियोनी का मानना है कि स्वदेशी उत्पादन पर सरकार के प्रयासों को उत्पादन-आधारित रियायत (PLI) से मदद मिली, और साथ ही राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भी कंपनियों के लिए फायदेमंद होगी। इससे संगठित और असंगठित कंपनियां एक मंच पर आएंगी।
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उन्होंने कहा, ‘निवेश के नजरिये से, हम इस सेगमेंट में नए खरीदारी अवसर देख रहे हैं, क्योंकि शेयर 6 महीने की गिरावट के बाद एक वर्षीय पीई मल्टीपल के अपने पांच वर्षीय औसत से नीचे कारोबार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में हमारे पसंदीदा शेयर हैं TCI Express और Transport Corporation of India।’ Jefferies, Morgan Stanley, और CLSA जैसे वैश्विक ब्रोकर डेल्हीवरी (Delhivery) पर सकारात्मक बने हुए हैं और उन्होंने मल्टी-मॉडल थीमों पर कंपनी दीर्घावधि दांव को ध्यान में रखते हुए इस शेयर को खरीदारी की रेटिंग दी है।