चीनी कंपनियों के शेयर सुर्खियों में हैं और गुरुवार को दिन के कारोबार में BSE पर इनमें 11.6 प्रतिशत तक तक की तेजी दर्ज की गई, जबकि बाजार में कमजोरी दर्ज की गई। बढ़ रही मांग और चीनी कीमतें ऊंची बने रहने की उम्मीद से इस क्षेत्र के शेयरों का आकर्षण बना हुआ है।
इस क्षेत्र के कुछ खास शेयरों की बात की जाए तो पता चलता है कि उनमें दिन के कारोबार में 5 से लेकर 11.6 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। इन शेयरों में उत्तम शुगर मिल्स (11.6 प्रतिशत तक चढ़कर 340 रुपये), उगर शुगर (5.3 प्रतिशत बढ़कर 128 रुपये) और धामपुर शुगर मिल्स (7.9 प्रतिशत चढ़कर 292 रुपये) शामिल हैं, जिन्होंने दिन के कारोबार में अपने 52 सप्ताह के अपने ऊंचे स्तरों को छुआ।
अवध शुगर ऐंड एनर्जी, डालमिया भारत शुगर ऐंड इंडस्ट्रीज, बजाज हिंदुस्तान शुगर, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज, श्री रेणुका शुगर और त्रिवेणी इंजीनियरिंग में 3.2 प्रतिशत से 5.8 प्रतिशत के बीच तेजी दर्ज की गई। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स 0.41 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, घरेलू चीनी कीमतें भारत, थाइलैंड और यूरोप में अनुमान से कम उत्पादन की वजह से ऊंची बनी रह सकती हैं। इसके अलावा अप्रैल 2023 में ब्राजील में गन्ने की फसल में विलंब हुआ। एशियाई उत्पादन पर अल नीनो के जोखिम से भी कीमत वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है।
इस बीच, उद्योग सतर्कता के साथ आशान्वित बना हुआ है। भारत चीनी सीजन 2022-23 के दौरान 3.28 करोड़ टन उत्पादन दर्ज कर सकता है, जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 3.65 करोड़ टन था। हालांकि खपत धीरे धीरे बढ़ रही है और चीनी सीजन 2022-23 में यह करीब 2.75 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
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इसके अलावा, सरकार ने 31 मई 2023 तक 60 लाख टन चीनी के आयात को मंजूरी प्रदान की थी। इसकी वजह से चीनी सीजन 2022-23 के अंत तक चीनी का स्टॉक 60 लाख टन पर अनुमानित है, जो तीन महीने की खपत की तुलना में कम है।
द्वारिकेश शुगर ने अपनी वित्त वर्ष 2022-23 की सालाना रिपोर्ट में कहा है कि आकर्षक अंतरराष्ट्रीय कीमतों से भी हालात अनुकूल होने के आसार हैं।
डिस्टिलरी व्यवसाय भी सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत ने वाहन ईंधन के साथ एथनॉल मिश्रण वर्ष 2025 तक मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
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सरकार फ्लेक्स-फ्यूल वाहन पेश करने की तैयारी कर रही है। फ्लेक्स-फ्यूल वानों की शुरुआती पेशकश के लिए ज्यादा मात्रा में एथनॉल की जरूरत होगी और शुद्ध एथनॉल पर इन वाहनों को चलाने से 20 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य में मदद मिलेगी।