Stock Market Closing Bell, 29 July: एशियाई बाजारों में गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (29 जुलाई) को हरे निशान में बंद हुए। इसी के साथ बाजार में तीन दिन से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) जैसे हैवीवेट शेयरों में खरीदारी और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयरों में तिमाही नतीजों से पहले बढ़त का बाजार पर पॉजिटिव असर पड़ा। हालांकि, निवेशकों की नजरें इस सप्ताह समाप्त हो रही ट्रंप टैरिफ की समय सीमा पर टिकी हुई है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 270 अंक की गिरावट लेकर 80,620.25 पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंत में यह 446.93 अंक या 0.55 फीसदी की बढ़त के साथ 81,337.95 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 (Nifty50) भी गिरावट के साथ 24,609.65 अंक पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान यह 24,598 अंक लो लेवल और 24,847 अंक के हाई तक गया। अंत में यह 140.20 अंक या 0.57 प्रतिशत के मजबूती लेकर 24,821 पर क्लोज हुआ।
बोनांजा में रिसर्च एनालिस्ट वैभव विदवानी ने कहा, ”भारतीय शेयर बाजारों में यह तेजी हेल्थकेयर, रियल एस्टेट और फार्मा जैसे सेक्टर्स के मजबूत प्रदर्शन के कारण देखने को मिली। इसके अलावा ऑटो, मेटल, एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे अन्य प्रमुख सेक्टर्स ने भी सकारात्मक योगदान दिया। बाजार की मजबूती का श्रेय सेक्टर आधारित बढ़त और बेहतर निवेशक भावना को दिया जा सकता है। हालांकि अमेरिका-भारत ट्रेड वार्ता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली को लेकर चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं।”
उन्होंने कहा, ”आगे की दिशा को लेकर बाजार का रुख सतर्क लेकिन थोड़ी उम्मीद के साथ बना हुआ है। निवेशक अब आने वाले तिमाही नतीजों पर नजर रखेंगे ताकि कॉर्पोरेट प्रदर्शन को लेकर संकेत मिल सकें। खासतौर पर ऐसे समय में जब व्यापक आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का हल न निकलना अभी भी एक बड़ी अड़चन है। लेकिन वैश्विक बाजारों में स्थिरता और घरेलू संस्थागत निवेश में निरंतरता से बाजार को सहारा मिल सकता है।”
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सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 20 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), लार्सन एंड टुब्रो (L&T) , एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स और अदाणी पोर्ट्स प्रमुख रूप से बढ़त में रहे। इनमें 2.21 प्रतिशत तक की तेजी आई।
ब्रोडर मार्केटस में भी बढ़त देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स क्रमशः 0.81 प्रतिशत और 1.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए। सेक्टोरल मोर्चे पर मंगलवार को सभी सेक्टर हरे निशान में बंद रहे। मेटल, फार्मा, रियल्टी, तेल एवं गैस और हेल्थ केयर शेयरों में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की गई।
पिछले तीन ट्रेडिंग सेशन में बेंचमार्क निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने सोमवार को 608.1 करोड़ रुपये वैल्यू के भारतीय शेयर बेचे। यह 30 मई के बाद से भारत में उनकी सबसे बड़ी बिकवाली है।
निवेशक राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की 1 अगस्त की समयसीमा से पहले अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में देरी के नतीजों को लेकर चिंतित हैं। रॉयटर्स ने पिछले हफ़्ते दो भारतीय सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ़ कटौती को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत गतिरोध में रही।
वहीं, ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ज्यादातर व्यापारिक साझेदार जो अलग-अलग सौदों पर बातचीत नहीं करते हैं, उन्हें जल्द ही अमेरिका को अपने निर्यात पर 15% से 20% तक टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। यह अप्रैल में उनके द्वारा लगाए गए 10% टैरिफ से अधिक है।
अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतज़ार कर रहे निवेशकों के बीच एशियाई बाज़ारों की शुरुआत सुस्त रही। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.83 प्रतिशत और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.42 प्रतिशत नीचे था।
सोमवार को वॉल स्ट्रीट पर गिरावट दर्ज की गई। नए अमेरिकी-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते से बाजार की धारणा में कोई सुधार नहीं आया। एसएंडपी 500 सूचकांक सकारात्मक रुझान के साथ लगभग अपरिवर्तित रहा। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.14 प्रतिशत गिर गया।