ग्यारह महीने में पहली बार फरवरी में गिरने वाले शेयरों ने चढ़ने वाले शेयरों को पीछे छोड़ दिया। इससे संकेत मिलता है कि महंगे मूल्यांकन की चिंता के बीच स्मॉलकैप व मिडकैप क्षेत्रों के तेजी के गुब्बारे में दरारें बनने लगी हैं।
फरवरी में बीएसई पर करीब 2,110 शेयर चढ़े जबकि 2,200 में गिरावट आई। यह चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का 0.96 फीसदी अनुपात है। इससे पहले मार्च 2023 में 0.96 के अनुपात के साथ सबसे खराब प्रदर्शन रहा था।
मार्च 2023 से जनवरी 2024 के बीच चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात लगातार 1 से ऊपर रहा है। इस अवधि में निफ्टी-50 इंडेक्स 30 फीसदी चढ़ा। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में क्रमश: 60 फीसदी व 70 फीसदी की उछाल आई।
फरवरी में निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 ने तीन महीने बाद पहला मासिक नुकसान दर्ज किया जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 1-1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इस हफ्ते बाजार नियामक सेबी ने स्मॉलकैप शेयरों की तेजी को लेकर चिंता जताई है।
नियामक ने म्युचुअल फंड उद्योग निकाय- एम्फी से कहा है कि वह स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों में निवेश करने वाले निवेशकों की सुरक्षा की व्यवस्था सामने रखे।