स्थानीय शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी गिरावट जारी रही और बीएसई का सेंसेक्स 170 अंक टूट गया। बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान तेजी थी लेकिन अंतिम घंटे में वित्तीय कंपनियों और धातु शेयरों में बिकवाली से यह गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 170.22 अंक यानी 0.20 प्रतिशत टूटकर 83,239.47 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 440.4 अंक तक चढ़ गया था। एनएसई का निफ्टी भी 48.10 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,405.30 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनैंस, अदाणी पोर्ट्स, ट्रेंट, भारतीय स्टेट बैंक, टाइटन और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज नुकसान में रहीं। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में मारुति, इन्फोसिस, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों की साप्ताहिक समाप्ति के दिन बाजार में उतार-चढ़ाव रहा और यह मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ।’ उन्होंने कहा कि क्षेत्रवार देखा जाए तो रुख मिला-जुला रहा। वाहन और औषधि क्षेत्र के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि धातु और रियल्टी सबसे ज्यादा नुकसान में रहे। छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.47 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मझोली कंपनियों से जुड़े बीएसई मिडकैप में 0.06 प्रतिशत की गिरावट आई।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि शुल्क छूट को लेकर 90 दिन की अवधि समाप्त होने वाली है। ऐसे में अमेरिका-भारत व्यापार समझौते से जुड़े घटनाक्रम पर निवेशकों की नजर बनी हुई है। अधिक मूल्यांकन के कारण भी हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सतर्क हो गए हैं।
एशियाई बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शांघाई कम्पोजिट लाभ में रहे, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में मिला-जुला रुख था। बुधवार को अमेरिका के ज्यादातर बाजार लाभ में रहे थे।
गुरुवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जून में 10 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।