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SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कांग्रेस के आरोपों पर तोड़ी चुप्पी, बताया ‘जानबूझकर गढ़ी गई झूठी कहानी

बुच दंपति ने यह भी कहा कि आरोप उनके आयकर रिटर्न पर आधारित हैं, जिसका मतलब है कि ये सभी तथ्य पूरी तरह से उजागर किए गए थे और टैक्स चुकाया गया है।

Last Updated- September 13, 2024 | 5:22 PM IST
Madhabi Puri Buch

Madhabi Puri Buch statement: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इन्हें “जानबूझकर गढ़ी गई झूठी कहानी” बताया है।

हालांकि उन्होंने अपने बयान में कांग्रेस का नाम नहीं लिया, लेकिन इन आरोपों को निराधार करार दिया और संकेत दिए कि वे कानूनी कार्रवाई का सहारा ले सकते हैं।

यह प्रतिक्रिया विपक्षी पार्टी द्वारा लगाए गए हितों के टकराव, भ्रष्टाचार और उनके परामर्श फर्म अगोरा एडवाइजरी के माध्यम से आईसीआईसीआई ग्रुप और अन्य संगठनों से आय प्राप्त करने के आरोपों के बाद आई है।

छह पेज के बयान में, बुच दंपति ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने 2017 में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्ति के समय से ही अपनी कंसल्टिंग फर्म और उससे प्राप्त आय और संपत्ति के सभी खुलासे सेबी के समक्ष पेश किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘हितों के टकराव का कोई भी आरोप न केवल मानहानिकारक, झूठा और दुर्भावनापूर्ण है, बल्कि स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण और प्रेरित है।’

सेबी प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ICICI Group की किसी भी फाइल से कभी कोई संबंध नहीं रखा।

ICICI Group में रहते हुए दो संस्थाओं में सेवा देने के आरोपों पर, बुच दंपति ने बताया कि 2011 में माधबी पुरी बुच ICICI Bank से ‘अनपेड’ लीव लेकर लंबे अवकाश पर चली गई थीं।

बयान में कहा गया, ‘माधबी ने ICICI Bank में काम करते हुए किसी भी अनधिकृत बाहरी रोजगार (unauthorized external employment) में भाग नहीं लिया। 2011 में उन्हें सिंगापुर में कार्यरत अपने पति के साथ जुड़ने के लिए बैंक से लंबा अवकाश (अनपेड) दिया गया था। सिंगापुर में रहते हुए, ICICI Bank की पूर्ण स्वीकृति से, उन्होंने सिंगापुर में एक निजी इक्विटी फर्म में पद ग्रहण किया।’

बुच दंपति ने यह भी बताया कि 2013 में जब यह स्पष्ट हो गया कि वे सिंगापुर में ही रहेंगी, तो उन्होंने ICICI Bank से नियमानुसार सेवानिवृत्ति ले ली। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था पूरी तरह कानूनी और पारदर्शी थी।

बुच दंपति ने यह भी कहा कि आरोप उनके आयकर रिटर्न पर आधारित हैं, जिसका मतलब है कि ये सभी तथ्य पूरी तरह से उजागर किए गए थे और टैक्स चुकाया गया है।

उन्होंने बयान में कहा, ‘चौंकाने वाली बात यह है कि हमारे आयकर रिटर्न को धोखाधड़ी के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त किया गया है। यह न केवल हमारे गोपनीयता के अधिकार (जो एक मौलिक अधिकार है) का उल्लंघन है, बल्कि आयकर अधिनियम का भी उल्लंघन है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमने अपने प्रोफेशनल जीवन को पूरी ईमानदारी और गरिमा के साथ जिया है और हमें पूरा विश्वास है कि हम भविष्य में भी ऐसे सभी प्रेरित आरोपों को पूरी तरह नष्ट कर देंगे, साथ ही हम कानूनी उपाय का सहारा लेने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।’

First Published - September 13, 2024 | 5:22 PM IST

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