Stock Market crash: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSE) और अदाणी समूह के शेयरों पर मंगलवार को सबसे भारी चोट पड़ी। इसकी वजह चुनाव नतीजे के रुझान रहे जिनसे साफ हो गया कि नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने बूते बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रही है।
निफ्टी पीएसई इंडेक्स ने 16.4 फीसदी का गोता लगाया और इस तरह से सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10.8 लाख करोड़ रुपये घट गया। उधर, अदाणी समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 3.6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट आई ।
एक दिन पहले एक्जिट पोल के संकेतों के बाद पीएसयू और अदाणी समूह के शेयर सबसे ज्यादा बढ़त हासिल करने वालों में शामिल थे। एग्जिट पोल में कहा गया था कि भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिल जाएगा।
अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड के शेयर में 21 फीसदी की गिरावट आई जबकि मुख्य कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 19 फीसदी फिसला। अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस और अदाणी विल्मर के शेयरों में भी क्रमश: 20 फीसदी व 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगा। गौतम अदाणी की अगुआई वाले समूह का बाजार पूंजीकरण 19 फीसदी की गिरावट के साथ 15.8 लाख करोड़ रुपये रह गया।
हालांकि भाजपा की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत मिल गया है, लेकिन एक्जिट पोल के अनुमानों और वास्तविक नतीजों में भारी अंतर ने बाजार के प्रतिभागियों को हक्का बक्का कर दिया।
इस बीच, पीएसयू दिग्गजों भारतीय जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी), गेल इंडिया, ऑयल इंडिया और ओएनजीसी ने दो अंकों में गिरावट दर्ज की। आरईसी और पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन के शेयरों में भी क्रमश: 25 फीसदी और 23 फीसदी की गिरावट आई और ये सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज करने वाले शेयर रहे।
यह गिरावट इस साल सूचकांक में अच्छी तेजी के बाद देखने को मिली है। मंगलवार के नुकसान से पहले सूचकांक करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज कर चुका था। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि बिकवाली इस वजह से हुई कि केंद्र की गठबंधन सरकार कल्याणकारी योजनाओं पर और ज्यादा ध्यान दे सकती हैं और विनिवेश के लक्ष्य पर असर पड़ सकता है।
एमके (Emkay) ने चुनाव नतीजों के बाद जारी इंडिया स्ट्रैटिजी रिपोर्ट में कहा कि हमें लगता है कि अल्पावधि में बाजार की दोबारा रेटिंग होगी क्योंकि भारत पर जोखिम बढ़ गया है।