facebookmetapixel
GST कटौती के बाद अब हर कार और बाइक डीलरशिप पर PM मोदी की फोटो वाले पोस्टर लगाने के निर्देशJane Street vs Sebi: मार्केट मैनिपुलेशन मामले में SAT की सुनवाई आज से शुरूGratuity Calculator: ₹50,000 सैलरी और 10 साल की जॉब, जानें कितना होगा आपका ग्रैच्युटी का अमाउंटट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने BRICS गठबंधन पर साधा निशाना, कहा- यह पिशाचों की तरह हमारा खून चूस रहा हैGold, Silver price today: सोने का वायदा भाव ₹1,09,000 के आल टाइम हाई पर, चांदी भी चमकीUPITS-2025: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन, रूस बना पार्टनर कंट्रीGST कट के बाद ₹9,000 तक जा सकता है भाव, मोतीलाल ओसवाल ने इन दो शेयरों पर दी BUY रेटिंग₹21,000 करोड़ टेंडर से इस Railway Stock पर ब्रोकरेज बुलिशStock Market Opening: Sensex 300 अंक की तेजी के साथ 81,000 पार, Nifty 24,850 पर स्थिर; Infosys 3% चढ़ानेपाल में Gen-Z आंदोलन हुआ खत्म, सरकार ने सोशल मीडिया पर से हटाया बैन

चुनावी नतीजों के बाद शेयर बाजार में गिरावट की जांच के लिए याचिका

वकील विशाल तिवारी की याचिका में यह भी मांग की गई है कि अदाणी समूह (Adani Group) पर शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की जांच से जुड़ी सेबी की रिपोर्ट भी पेश की जाए।

Last Updated- June 07, 2024 | 10:18 PM IST
Clearing Corporation should be separated from the stock exchange: SEBI स्टॉक एक्सचेंज से अलग हो क्लियरिंग कॉरपोरेशन: सेबी

एक वकील ने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दाखिल कर मांग की है कि लोक सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शेयर बाजार (Stock Market) में आई गिरावट और निवेशकों को हुए नुकसान पर रिपोर्ट के लिए सरकार और सेबी को निर्देश दिए जाएं।

वकील विशाल तिवारी की याचिका में यह भी मांग की गई है कि अदाणी समूह (Adani Group) पर शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की जांच से जुड़ी सेबी की रिपोर्ट भी पेश की जाए।

सर्वोच्च न्यायालय ने 3 जनवरी को कहा था कि अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की सेबी की जांच को किसी विशेष जांच टीम या सीबीआई को सौंपने का कोई आधार नहीं है। बाजार नियामक को यह भी निर्देश दिया गया था कि वह मामले में बाकी दो जांच तीन महीने के भीतर पूरी कर ले। रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा 3 अप्रैल थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं कराई गई है।

अदालत ने सेबी व केंद्र सरकार से यह भी कहा था कि वह इसकी भी जांच करे कि क्या हिंडनबर्ग की रिपोर्ट या शॉर्ट पोजीशन लेने वाली अन्य इकाइयों के कारण भारतीय निवेशकों को हुए नुकसान से किसी कानून के उल्लंघन का मामला तो नहीं जुड़ा है। तिवारी के आवेदन में यह भी कहा गया है कि अदालत सेबी को बिना किसी देरी के जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दे।

उन्होंने यह भी कहा कि लोक सभा चुनाव के नतीजों के बाद शेयर बाजार में एक बार फिर बड़ी गिरावट देखने को मिली। शेयर बाजार में उतारचढ़ाव एक बार फिर उभरा।

मीडिया खबरों में कहा गया है कि नुकसान 20 लाख करोड़ रुपये रहा। यह एक बार फिर स्टॉक एक्सचेंजों का नियमन करने वाली व्यवस्था पर सवाल उठाता है और 2023 में हुआ नुकसान एक बार फिर दोहराया गया। इसमें कहा गया है कि एक्जिट पोल के बाद बाजार काफी ज्यादा चढ़ा, लेकिन वास्तविक नतीजों के बाद धराशायी हो गया।

एक बार फिर सवाल उठता है कि क्या नियामकीय प्राधिकरण और व्यवस्था नाकाम हो गई है और 2023 की घटना के बाद भी व्यवस्था मजबूत नहीं की जा सकी है। क्या एक्जिट पोल के बाद एक बार फिर से साठगांठ हुई।

First Published - June 7, 2024 | 9:46 PM IST

संबंधित पोस्ट