अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा के बाद शुक्रवार को निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.14% नीचे बंद हुआ।
इंडेक्स इंट्राडे ट्रेड में 21,390 के निचले स्तर तक पहुंचा, लेकिन आंशिक रिकवरी कर 21,507 पर बंद हुआ। इसमें शामिल 20 में से 17 स्टॉक्स में गिरावट देखी गई। सबसे अधिक नुकसान झेलने वाले शेयरों में लॉरस लैब्स (-7.2%), बायोकॉन (-4.8%) और जाइडस लाइफसाइंसेज (-4.4%) शामिल रहे।
अमेरिका भारत की फार्मा कंपनियों के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और यह कुल वॉल्यूम का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। हालांकि इसमें ज्यादातर सस्ती जेनेरिक दवाएं शामिल होती हैं, जो फिलहाल टैरिफ से प्रभावित नहीं होंगी।
सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, जो राजस्व के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी है और इंडेक्स में सबसे भारी वजन रखती है, का शेयर 2.6 प्रतिशत गिरा। सन फार्मा अमेरिका में अपनी पेटेंटेड दवा इलुम्या (सोरायसिस के इलाज के लिए) बेचती है।
सिस्टमैटिक्स ग्रुप के इक्विटी विश्लेषक विशाल मांचंदा ने कहा, “सन पर असर बहुत बड़ा नहीं होगा, यह कंपनी के Ebitda का लगभग 1 प्रतिशत से 3 प्रतिशत तक हो सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका दवा निर्माण को इन-हाउस लाने की कोशिश कर रहा है, जिससे कॉन्ट्रैक्ट ड्रग मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गेनाइजेशन्स (CDMO) प्रभावित हो सकते हैं।
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आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषक पंकज पांडे ने कहा कि फिलहाल यह साफ नहीं है कि जटिल जेनेरिक दवाओं और बायोसिमिलर्स पर भविष्य में टैरिफ लगाया जाएगा या नहीं।
(रॉयटर्स इनपुट के साथ)