सात महीने में अपने ऊंचे स्तरों पर पहुंचने के एक दिन बाद शुक्रवार को बाजार कमजोरी के साथ बंद हुए। हालांकि निफ्टी ने 4.2 फीसदी की तेजी के साथ सप्ताह का समापन किया। यह 18 अप्रैल के बाद उसकी सबसे शानदार साप्ताहिक बढ़त रही। इस सप्ताह की तेजी को पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम, अमेरिका के साथ व्यापार करार की उम्मीदों और रिजर्व बैंक के दर कटौती करने की संभावना से बढ़ावा मिला।
शुक्रवार को निफ्टी 25,020 पर बंद हुआ जो 42 अंक या 0.17 फीसदी की गिरावट है। सेंसेक्स 200 अंक या 0.24 फीसदी गिरकर 82,331 पर बंद हुआ जिससे उसकी साप्ताहिक बढ़त घटकर 3.6 प्रतिशत रह गई। सप्ताह की शुरुआत सेंसेक्स और निफ्टी में चार साल से अधिक समय में सबसे बड़ी एक-दिवसीय बढ़त के साथ हुई। बाजार में यह तेजी चार दिनों की लड़ाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद आई। निवेशकों की इसके आर्थिक असर से जुड़ी चिंताएं थम गई हैं।
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हालांकि सप्ताह के दौरान मुनाफावसूली से सूचकांकों पर दबाव पड़ा क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ करार होने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के अपना पैसा इन दोनों देशों में ले जाने की आशंका बढ़ गई। सप्ताह के दौरान अमेरिका और चीन ने जवाबी टैरिफ 90 दिन तक रोकने पर सहमति जताई। अमेरिका के चीन से होने वाले आयात पर शुल्क 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने जबकि चीन के शुल्क 125 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने पर सहमति बनी। इस चीन-अमेरिकी सौदे से आशंका बढ़ गई है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत से दूर जा सकते हैं। अप्रैल में भारत वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश स्थान के तौर पर उभरा था और उसने विदेशी निवेशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को जब यह कहा कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ हटाने की पेशकश की है, तो बाजार में फिर से तेजी आ गई थी। विश्लेषकों का मानना है कि जोरदार तेजी के बाद बाजार अब सीमित दायरे में रह सकते हैं।
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मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में संपत्ति प्रबंधन के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘भारतीय बाजारों में सकारात्मक रुझान के साथ व्यापक मजबूती जारी रहने की संभावना है। उसे तनाव कम होने, व्यापार समझौतों पर प्रगति और व्यापक आर्थिक स्थिरता के बेहतर होते संकेतों से मदद मिलेगी।’
शुक्रवार को बाजार धारणा सकारात्मक रही। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक करीब 1 फीसदी चढ़ा। निफ्टी स्मॉलकैप सूचकांक में लगभग 2 फीसदी की तेजी आई। बीएसई पर करीब 2,542 शेयर चढ़े और 1,449 में गिरावट दर्ज की गई।
2.8 प्रतिशत गिरावट के साथ भारती एयरटेल सेंसेक्स में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला और सेंसेक्स पर सबसे बड़ा असर डालने वाला शेयर रहा। बड़े शेयरधारक सिंगटेल के 1 अरब डॉलर से अधिक की हिस्सेदारी बेचने के एक दिन बाद इस शेयर में गिरावट आई।
घरेलू और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक दोनों शुक्रवार को खरीदार रहे। एफपीआई ने 8,831 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे जो 27 मार्च के बाद से उनकी सबसे बड़ी खरीदारी है और घरेलू संस्थान 5,187 करोड़ रुपये मूल्य के शुद्ध खरीदार रहे जो 9 मई के बाद से उनका सबसे बड़ा खरीद आंकड़ा है।