वैश्विक व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद से आज शेयर बाजार में अच्छी तेजी आई। एक दिन पहले सोमवार को बाजार में चौतरफा बिकवाली की मार देखी गई थी। बीते तीन सत्र में करीब 10 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान उठाने के बाद वैश्विक बाजार में सुधार हुआ। गिरावट पर खरीदारी और रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद से भी तेजी को बल मिला।
सेंसेक्स 1,089 अंक या 1.5 फीसदी की तेजी के साथ 74,227 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 374 अंक या 1.7 फीसदी चढ़कर 22,536 पर बंद हुआ। पावर ग्रिड को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर लाभ में रहे। कारोबार के दौरान दोनों सूचकांक 2.4 फीसदी तक उछल गए थे। निफ्टी ने तीन महीने में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। सेंसेक्स का तीन हफ्ते में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। ट्रंप शुल्क और अमेरिका में मंदी की आशंका से बीते सोमवार को सूचकांकों में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी।
मिडकैप और स्मॉलकैप में भी 2-2 फीसदी की तेजी आई। बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया विक्स में सोमवार को रिकॉर्ड तेजी आई थी मगर आज यह 10 फीसदी घटकर 20.44 पर टिका।
बाजार में 3,092 शेयरों में तेजी आई और 872 शेयर नुकसान में रहे। 52 सप्ताह के निचले स्तर पर जाने वाले शेयरों की संख्या एक दिन पहले के 775 से घटकर 54 रह गई जबकि लोअर सर्किट छुने वाले शेयरों की संख्या 184 रही।
एशिया और यूरोप के ज्यादातर बाजारों में करीब 2 फीसदी की तेजी आई। जापान के बाजार में 6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
एचएसबीसी में इक्विटी स्ट्रैटजी के एशिया प्रशांत प्रमुख हेरल्ड वैन डेर लिंडे ने एक नोट में कहा, ‘मूल्यांकन में गिरावट आएगी लेकिन हमारा मानना है कि इससे खास तौर पर उन क्षेत्रों और कंपनियों की आय पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा जिनकी ज्यादातर आय घरेलू बाजार में होती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नरमी से फंडामेंटल पर थोड़ा असर पड़ सकता है मगर बाजार पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। शुल्क से वृद्धि को नुकसान हो सकता है मगर इस झटके का मुकाबला करने के लिए राजकोषीय सहायता से मदद मिल सकती है।’
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सभी क्षेत्रों के सूचकांक लाभ में रहे। टाइटन, बजाज फाइनैंस और भारतीय स्टेट बैंक में 3-3 फीसदी की तेजी आई। निफ्टी बैंक सूचकांक 1.3 फीसदी चढ़ा।
एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज में बिजनेस डेवलपमेंट, इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के प्रमुख जयकृष्ण गांधी ने कहा कि एशिया में तेज गिरावट के बाद कुछ तेजी आई है मगर अमेरिका और चीन दोनों की ओर से जवाबी कार्रवाई की जाती है तो बाजार में बढ़त बरकरार रहने की संभावना नहीं है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में वेल्थ मैनजमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘चीजें स्पष्ट होने तक बाजार में अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है। तिमाही नतीजों और प्रबंधन के बयान के हिसाब से शेयर विशेष में गतिविधियां देखी जा सकती हैं। हम निवेशकों को आईटी, फार्मा, धातु जैसे शेयरों से परहेज करने और घरेलू अर्थव्यवस्था से जुड़े शेयरों पर ध्यान देने का सुझाव देते हैं।’