Morgan Stanley emerging markets index: भारत जल्द ही प्रमुख उभरते बाजारों के सूचकांक (emerging markets index) में चीन को पछाड़ सकता है। मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट बैंक ‘मॉर्गन स्टेनली’ ने कहा कि इससे विदेशी निवेशक भारत में निवेश के लिए ज्यादा आकर्षित होंगे और शेयर बाजार में तेजी को और ज्यादा मजबूती मिलेगी। मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि वैश्विक स्तर पर पहले से ही भारतीय बाजार सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। मगर यह तेजी अभी आधी ही पूरी हुई है।
MSCI उभरते बाजार सूचकांक में दक्षिण एशियाई देश का वेटेज अगस्त में बदलाव के बाद बढ़कर 19.8 प्रतिशत हो गया, जबकि चीन का वेटेज 24.2 प्रतिशत रह गया है। भारत का वेटेज दिसंबर 2020 के 9.2 फीसदी से लगातार बढ़ा है, जबकि चीन का वेटेज 39.1 फीसदी से कम हो गया है।
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषक रिधम देसाई की अगुवाई में जारी नोट में कहा गया है, ‘वेटेज में बढ़ोतरी का मतलब है कि विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ेगा। भारत का वेटेज उभरते बाजारों के औसत पोर्टफोलियो में कम होने की वजह से यह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए और भी बेहतर है।’
2024 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 53,178 करोड़ रुपये (6.33 बिलियन डॉलर) के शेयर खरीदे हैं और जून से नेट खरीदार बने हुए हैं। इसे चुनावों के बाद की नीतिगत नियमों के लगातार जारी रहने और वैश्विक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से बल मिला है।
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII), म्यूचुअल फंडों और खुदरा निवेशकों से लगातार निवेश ने निफ्टी 50 को रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचाया है। इस साल Nifty 50 की 16 प्रतिशत की बढ़त चीन सहित ज्यादातर अन्य बाजारों से ज्यादा है।
देसाई का मानना है कि तेजी जारी रहेगी क्योंकि फिस्कल कंसोलिडेशन प्राइवेट उधारी और खर्च को बढ़ावा देगा, जिससे आय में वृद्धि के अगले चरण की शुरुआत होगी और विदेशी संस्थागत निवेश (FII) के निवेश के लिक्विडिटी में सरप्लस और उधारी में बराबर फ्लो बना रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि हम मौजूदा तेजी के बाजार के आधे चरण को पार कर चुके हैं। भारत के लिए तेजी का शिखर (peaks) शायद अभी बाकी है और MSCI उभरते बाजार सूचकांक में इसकी हिस्सेदारी बढ़ने की गुंजाइश बनी हुई है।’
मॉर्गन स्टेनली ने भारत को उभरते बाजारों में सबसे ऊपर यानी टॉप पिक के रूप में रखा है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia Pacific region) में जापान के बाद दूसरा पसंदीदा देश बनाए रखा है। स्टॉक्स में यह ‘साइक्लिकल्स’ को ‘डिफेंसिव्स’ और लॉर्जकैप्स को स्मॉलकैप के मुकाबले ज्यादा प्राथमिकता देता है। इसके अलावा, फिनटेक, गैर जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं और इंडस्ट्रियल्स में इसे ‘ओवरवेट’ और अन्य सेक्टर्स में ‘अंडरवेट’ माना गया है।