नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 8 दिसंबर से इक्विटी डेरिवेटिव के लिए प्री-ओपन सत्र की शुरुआत करेगा। प्री-ओपन सत्र कॉल ऑक्शन मैकेनिज्म का इस्तेमाल करके सुबह 9 बजे से 9:15 बजे तक 15 मिनट को लिए आयोजित किया जाएगा। इस कदम का मकसद कैश सेगमेंट में प्री-ओपन सेशन की तरह प्राइस-डिस्कवरी को बढ़ाना है।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मई में इस संबंध में परिपत्र जारी किया था जिसमें ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन और मार्केट-वाइड पोजीशन लिमिट के लिए नए मानक शामिल थे।
एनएसई ने एक परिपत्र में कहा, प्री-ओपन सत्र अकेले शेयर और सूचकांकों दोनों के चालू महीने के वायदा सौदों पर लागू होगा। चालू महीने के अनुबंधों की एक्सपायरी से पहले के अंतिम पांच कारोबारी सत्रों से पूर्व यह सत्र अगले महीने के वायदा अनुबंधों तक बढ़ाया जाएगा।
सुबह 9 बजे से 9 बजकर 8 मिनट के बीच ऑर्डर देने का समय होगा जबकि ऑर्डर मैचिंग और ट्रेड कन्फर्मेशन सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक किए जाएंगे। बाकी समय ट्रांज़िशन के लिए बफर पीरियड होगा। लॉट साइज़, टिक साइज़ और प्राइस बैंड सामान्य बाजार की तरह रहेंगे।
प्री-ओपन के दौरान स्टॉप लॉस और आईओसी ऑर्डर जैसे विशेष टर्म ऑर्डर की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, मैचिंग अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के संशोधन या रद्द करने की अनुमति नहीं होगी। बिना मैचिंग वाले सभी या बकाया लिमिट के ऑर्डर मूल टाइमस्टैम्प को बरकरार रखते हुए सामान्य बाजार में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।
परिपत्र में कहा गया है, सूचकांक आधारित बाजारव्यापी सर्किट फिल्टर उल्लंघन या किसी आउटेज (एक्सचेंज द्वारा स्वतः संज्ञान से या स्टॉक एक्सचेंज के नियंत्रण से परे कारणों से ट्रेडिंग रोकना) के मामले में बाजार प्री-ओपन सेशन के साथ खुलेगा और उस दिन इसके समय की अलग से सूचना दी जाएगी।