बेंचमार्क सूचकांकों में लगातार दूसरे दिन बढ़त दर्ज हुई जब वैश्विक बैंकिंग संकट इस खबर बाद कम हो गया कि क्रेडिट सुइस ने आपातकालीन नकदी का इंतजाम कर लिया है।
सेंसेक्स व निफ्टी ने 0.6-0.6 फीसदी जोड़े और इस वजह से साप्ताहिक नुकसान 2 फीसदी से नीचे चला गया।
दो दिन में 434 अंक जोड़ने के बाद सेंसेक्स ने 57,990 अंक पर कारोबार की समाप्ति की। निफ्टी एक बार फिर 17,000 के पार निकल गया और अंत में 17,100 पर बंद हुआ। धातु व बैंकिंग शेयरों में सुधार हुआ और इस तरह से सिलिकन वैली बैंक के धराशायी होने व क्रेडिट सुइस में डिफॉल्ट के जोखिम का डर पैदा होने के बाद स्थिति बेहतर हुई।
देसी बैंक भी बैकिंग शेयरों की वैश्विक बिकवाली से प्रभावित हुए और निफ्टी बैंक इंडेक्स 2.2 फीसदी टूटा जबकि निफ्टी पीएसयू बैंक में हफ्ते के दौरान 4.5 फीसदी की गिरावट आई।
बैंकिंग दिग्गजों में इस आशावाद के बाद तेजी आई कि बड़े बैंकों ने अमेरिका में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को राहत पैकेज की पेशकश की है। क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ने फर्स्ट रिपब्लिक को जमाओं में 30 अरब डॉलर के योगदान का वादा किया।
हालांकि यह आशावाद ज्यादा समय तक नहीं रहा क्योंकि यूरोपीय शेयरों में तेजी बाद में सुस्त पड़ गई।
इस उम्मीद में अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट आई कि फेडरल रिजर्व सख्ती की अपनी राह में बदलाव करेगा, जिससे सेंटिमेंट मजबूत हुआ। इस बीच, स्विस नैशनल बैंक से क्रेडिट सुइस को 50 अरब फ्रैंक का क्रेडिट लाइन उपलब्ध कराने से उसे निवेशकों को भरोसा थोड़ा बहाल करने में मदद मिली।
क्रेडिट लाइन उसके शेयरों में भारी गिरावट के बाद मिली। क्रेडिट सुइस का शेयर काफी टूटा क्योंकि निवेशक तब परेशान हुए जब क्रेडिट सुइस के एकल व सबसे बड़े शेयरधारक ने कहा कि वे और रकम निवेश करने के इच्छुक नहीं हैं। क्रेडिट सुइस को मिली सहायता से निवेशकों को राहत मिली, जो इससे चिंतित थे कि कंपनी का संकट उस क्षेत्र में वित्तीय फर्मों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है। हालांकि यूबीएस के साथ ग्रुप एजी का प्रस्तावित विलय दोनों कंपनियों ने त्याग दिया।
बाजारों में उतारचढ़ाव रह सकता है क्योंकि यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई है जबकि ईसीबी के अध्यक्ष ने कहा कि महंगाई का अनुमान लंबे समय तक ऊंचा बना रह सकता है।
निवेशक अब फेडरल रिजर्व की अगले हफ्ते होने वाली मौद्रिक नीति घोषणा पर नजर रखेंगे। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज में 25 आधार अंक का इजाफा कर सकता है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, यह सुधार मोटे तौर पर वैश्विक मोर्चे में आई स्थिरता के मुताबिक है, हालांकि भागीदारों को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए क्योंकि निफ्टी को कई अवरोध पार करने हैं। ऐसे में हम चुनिंदा शेयरों की खरीद की सलाह दे रहे हैं और अन्य के मुकाबले इंडेक्स के दिग्गजों पर नजर रखी जानी चाहिए।
बीएसई में 1,993 शेयर चढ़े जबकि 1,519 शेयरों में गिरावट आई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 1,766 करोड़ रुपये के शेयरों के बिकवाल रहे।