घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि अर्निंग डाउनग्रेड की तीव्रता धीमी पड़ने और सरकार के मांग बढ़ाने के उपायों में तेजी लाने से भारतीय शेयर बाजारों को मदद मिल सकती है। लगातार चार तिमाहियों तक डाउनग्रेड के बाद वित्त वर्ष 2026 की जून तिमाही के दौरान आय अनुमानों में एक साल में सबसे कम कटौती दर्ज की गई।
ब्रोकरेज के एक विश्लेषण के अनुसार उसके कवरेज वाली कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के कर-बाद लाभ (पीएटी) अनुमान महज 2 फीसदी और 1 फीसदी तक घटाए गए जबकि इससे पिछली तिमाहियों में इनमें बड़ी कटौती की गई थी।
विशेष रूप से मिडकैप शेयरों ने इस रुझान के उलट प्रदर्शन किया, उनका वित्त वर्ष 2026 के लिए 4 फीसदी और वित्त वर्ष 2027 के लिए 2 प्रतिशत अपग्रेड हुआ। स्मॉलकैप शेयरों में वित्त वर्ष 2026 के लिए 8 फीसदी का भारी डाउनग्रेड हुआ। मोतीलाल ओसवाल के इक्विटी रणनीतिकार अभिषेक सराफ और गौतम दुग्गड ने एक नोट में लिखा कि बेहतर वृहद परिवेश और पॉलिसी संबंधित बदलाव से आगे चलकर आय चक्र मजबूत होने की संभावना है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि आरबीआई ने रीपो दर को 100 आधार अंक घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है और नकदी आरक्षी अनुपात भी 150 आधार अंक घटाया है जिससे बाजार में तरलता बढ़ गई है। साथ ही, व्यक्तिगत कर में राहत और जीएसटी दरों में बदलाव से खर्च योग्य घरेलू आय बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां कंपनियों को कम रिटेल कीमतों के माध्यम से ग्राहकों को लाभ देना पड़ सकता है, लेकिन मांग में बढ़ोतरी से बिक्री में वृद्धि और अधिक वॉल्यूम के कारण परिचालन मार्जिन में सुधार की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि सितंबर में जीएसटी दरों में बदलाव से कुछ कंपनियों, खासकर विवेकाधीन श्रेणियों में उत्पादों की बिक्री पर अस्थायी तौर पर असर पड़ सकता है।
कई क्षेत्रों को ब्याज दरों में कमी से फायदा हो रहा है, जिनमें ऑटोमोबाइल, बीमा, पूंजीगत वस्तु, सीमेंट, केमिकल्स, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, लॉजिस्टिक्स, ऑयल ऐंड गैस, रियल एस्टेट और दूरसंचार शामिल हैं। टेक्नोलॉजी, सरकारी बैंक, धातु और रिटेल सेक्टर अभी भी कमजोर बने हुए हैं। लेकिन प्राइवेट बैंकों में वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में सुधार देखने को मिल सकता है क्योंकि कम ब्याज दरों से ऋण वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है।
पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार ने वैश्विक बाजार के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है। निफ्टी 50 में सालाना आधार पर 8 फीसदी की गिरावट आई है जबकि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में 16 प्रतिशत और एसऐंडपी 500 में 15 प्रतिशत की बढ़त हुई है।