भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पीवीआर लिमिटेड के शेयरों के साथ छेड़छाड़ के मामले में 3 लोगों पर 6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। पूंजी बाजार नियामक ने अपने एक बयान में कहा, ‘गौतम दत्ता (नोटिसी-1), एनसी गुप्ता (नोटिसी-2) और प्रमोद अरोरा (नोटिसी-3) तीनों ही लोग पीवीआर कंपनी में कर्मचारी थे।’ इन तीनों लोगों ने इनसाइडर ट्रेडिंग (भेदिया कारोबार) के नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद सेबी ने इन पर कार्रवाई की है। वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक इन तीनों लोगों ने पीवीआर के शेयरों के साथ छेड़छाड़ की और इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लंघन किया।
सेबी ने जांच में क्या पाया?
सेबी ने अपनी जांच में पाया कि उन्हें कंपनी द्वारा बनाए गए आदर्श आचार संहिता नियमों और इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के तहत ट्रेडों की पूर्व-मंजूरी के प्रावधानों का पालन करना आवश्यक था। लेकिन उन्होंने इसका उल्लंघन किया।
इसके अलावा सेबी ने जांच में पाया कि गौतम दत्ता ने पीवीआर के शेयरों में ट्रेडिंग विंडो क्लोजर पीरियड के समय कॉन्ट्रा ट्रेड्स किए थे, जिसके लिए उन्होंने कंपनी बोर्ड से पहले मंजूरी नहीं ली थी। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ट्रेड्स के लिए डिसक्लोजर भी नहीं दिया था।
नोटिसी-2 एनसी गुप्ता ने गलत तरीके से ली मंजूरी
वहीं दूसरी तरफ नोटिसी-2 एनसी गुप्ता ने भी कंपनी के बोर्ड से पहले मंजूरी लिए बिना ही कॉन्ट्रा ट्रेड्स किए थे। इतना ही नहीं एनसी गुप्ता ने कुछ ट्रेडों के लिए कंपनी बोर्ड की बजाय कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष से गलत तरीके से मंजूरी ली थी।
नोटिसी-3 प्रमोद अरोरा ने भी प्री-क्लीयरेंस लिए बिना कॉन्ट्रा ट्रेड्स किए और इन ट्रेडों की जानकारी किसी को नहीं दी। इन ट्रेड्स का कुल मूल्य 5 लाख रुपये था। इसे इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लघंन माना जा रहा हैं।
कंपनी को ही वापस दिया लाभ
तीनों कर्मचारयों ने इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लघंन करके कॉन्ट्रा ट्रेड्स से जो लाभ कमाया उसे वापस पीवीआर लिमिटेड को ही लौटा दिया था। सेबी के अनुसार कंपनी ने इसके बदले में मार्केट वॉचडॉग के इन्वेस्टर प्रोटेक्शन एंड एजुकेशन फंड (IPEF) को लाभ की संबंधित राशि का भुगतान किया।