भारतीय बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को अमेरिकी क्वांट ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर कड़ी कार्रवाई की। आरोप है कि कंपनी ने भारतीय शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर मैनिपुलेशन करते हुए अवैध मुनाफा कमाया। सेबी ने Jane Street को घरेलू बाजार में किसी भी तरह की ट्रेडिंग से रोक दिया है और कंपनी को ₹4,844 करोड़ की अवैध कमाई सरकार को लौटाने का आदेश दिया है। सेबी की रिपोर्ट में कहा गया कि Jane Street ने ऑप्शंस सेगमेंट में बड़े स्तर पर आक्रामक पोजीशन बनाई और फिर स्टॉक्स में ट्रेडिंग कर कीमतों को प्रभावित किया।
सेबी की जांच में सामने आया है कि Jane Street ने बैंक निफ्टी के 12 बड़े शेयरों और उनके फ्यूचर्स में अचानक भारी खरीदारी की। इस “बर्स्ट ऑफ बाइंग” से उन शेयरों की कीमतों में तेजी आई, जिससे बाजार में भ्रम की स्थिति बनी और रिटेल निवेशकों का झुकाव इन स्टॉक्स की तरफ बढ़ा। इसी का फायदा उठाकर Jane Street ने ऑप्शंस में मुनाफे वाले सौदे किए। जांच के अनुसार, कंपनी ने जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच ₹44,358 करोड़ ऑप्शंस से कमाए, जबकि अन्य सेगमेंट्स में कुछ नुकसान भी हुआ। कुल मिलाकर कंपनी ने इस पूरे दौर में ₹36,671 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया।
Jane Street की इस कार्रवाई का सीधा असर उसकी भारतीय साझेदार कंपनी Nuvama Wealth Management पर पड़ा। शुक्रवार को इसके शेयरों में 6.7% तक की भारी गिरावट आई, जो इस साल 5 मई के बाद की सबसे बड़ी गिरावट थी। यह गिरावट मार्केट में सीधे तौर पर Jane Street के साथ इसके कनेक्शन से जुड़ी मानी जा रही है।
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Nuvama के साथ-साथ Angel One और BSE जैसे अन्य शेयर भी दबाव में आए। Angel One के शेयरों में 7.3% और BSE के शेयरों में 6.1% तक की गिरावट देखी गई। इसके अलावा CDSL के शेयर भी करीब 2% टूटे। सुबह 10 बजे तक Nuvama के शेयर 4.7% और Angel One के शेयर 5.5% नीचे थे, जबकि BSE 3.9% की गिरावट पर कारोबार कर रहा था। इसके मुकाबले, बेंचमार्क इंडेक्स Nifty50 में सिर्फ 0.02% की मामूली गिरावट थी।
Angel One के लिए यह समय मुश्किल भरा साबित हुआ है। कंपनी की फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में ऑप्शन प्रीमियम बेस्ड टर्नओवर में भारी गिरावट दर्ज हुई है। जून तिमाही (Q1 FY26) में यह टर्नओवर साल दर साल 17.8% घटकर ₹13,500 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹16,400 करोड़ था। हालांकि, सभी सेगमेंट मिलाकर कुल ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर में 40% की बढ़त देखने को मिली है, जो कि ₹1,048 करोड़ रहा। यह इस बात का संकेत है कि निवेशक अब केवल F&O पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि बाकी सेगमेंट्स में भी हेजिंग या ट्रेडिंग कर रहे हैं।
Angel One को इस तिमाही में न सिर्फ ट्रेडिंग वॉल्यूम में, बल्कि ग्राहक जोड़ने की प्रक्रिया में भी झटका लगा है। कुल ऑर्डर की संख्या 25.8% घटकर 343.11 मिलियन रह गई, जबकि रोजाना के औसतन ऑर्डर 27% घटकर 5.62 मिलियन हुए। सबसे बड़ा झटका कंपनी को ग्राहक जोड़ने के मोर्चे पर लगा, जहां साल दर साल 40% की गिरावट आई और केवल 1.45 मिलियन नए ग्राहक जुड़े।