भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने यूट्यूब चैनलों के माध्यम से चलाई जा रही अवैध योजनाओं में कथित तौर पर अपनी संलिप्तता की वजह से कई इकाइयों को कारोबार से प्रतिबंधित कर दिया, जिनमें अभिनेता अरशद वारसी और उनकी पत्नी मारिया गोरेटी वारसी भी शामिल हैं।
दो कंपनियों साधाना ब्रॉडकास्ट और शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट के मामलों में सेबी ने ऐसी सांठगांठ को उजागर किया, जिनमें भ्रामक सूचनाएं फैलाकर इन शेयरों को खरीदने के लिए छोटे निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा था। भ्रामक सूचनाओं के तहत ऐसी अफवाह भी फैलाई जा रही थी कि फर्म का अदाणी समूह द्वारा अधिग्रहण किया जाएगा।
भोले-भाले निवेशकों को गुमराह करने वालों को झूठी जानकारी वाले वीडियो के जरिये शेयर भाव चढ़ाकर बिकवाली करने का अवसर मिला, जिससे साधना ब्रॉडकास्ट में करीब 42 करोड़ रुपये और शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट में 12.14 करोड़ रुपये का अनावश्यक लाभ हुआ। दोनों मामलों में ज्यादातर कथित उल्लंघनकर्ता समान हैं। साधना का बाजार पूंजीकरण 55 करोड़ रुपये, जबकि शार्पलाइन का 8 करोड़ रुपये से कम है, जिससे इन शेयरों में कीमत संबंधित हेरफेर की ज्यादा आशंका रही है।
बाजार नियामक ने इन लोगों को ‘मिसलीडिंग मैसेज डिसेमिनेटर, वॉल्यूम क्रिएटर और नेट सेलर्स’ के तौर पर करार दिया है। 31 इकाइयों की सूची में साधना के लिए पंजीयक एवं स्थानांतरण एजेंट (आरटीए) के निदेशकों और एक स्टॉक ब्रोकर के डीलर का नाम शामिल है। सेबी ने अपने आदेश में कहा है, ‘धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधि का छोटे निवेशकों पर जो वित्तीय प्रभाव पड़ा है, वह नि:संदेह बेहद चिंताजनक है।’
निवेशकों को फंसाने के लिए गुमराह करने वाले लोग सबसे पहले इन दो कंपनियों के शेयर खरीद लेते थे और फिर यूट्यूब पर इनमें संभावित सौदों, वित्त, विकास परिदृश्य और विस्तार के बारे में झूठी जानकारी फैलाते, जिससे इनके अनावश्यक रूप से शेयर चढ़ने लगते और फिर वे इनमें बिकवाली कर बाहर निकल जाते थे।
जब कोई बेखबर निवेशक इन शेयरों में खरीदारी कर लेता, तो ये इकाइयां कथित तौर पर ऊंची कीमत पर अपनी होल्डिंग बेच देती हैं। संबद्ध इकाइयों द्वारा सौदों की वजह से कुल कारोबार में करीब 28 प्रतिशत तक का इजाफा देखने को मिला।
ये वीडियो मनीष मिश्रा द्वारा संचालित एडवायजर, मनीवाइज, मिडकैप्सकॉल्स और प्रॉफिटयात्रा पर अपलोड किए गए थे। सेबी के अनुसार 20 फरवरी तक, इनमें से कुछ चैनलों का परिचालन बरकरार था।
हालांकि मिश्रा अपने यूट्यूब चैनलों पर शेयर में खरीदारी का सुझाव दे रहा था, लेकिन उसने अपने शेयर बेचे और कथित तौर पर मुनाफा कमाया। हालांकि चैनल ऑपरेटरों द्वारा वीडियो डिलीट कर दिए गए थे, लेकिन सेबी ने इनके बारे में यूट्यूब की पैतृक कंपनी गूगल से जानकारियां मांगी है, जिनमें मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस और व्यू काउंट मुख्य रूप से शामिल हैं।
इन आंकड़ों के विश्लेषण, कॉल डेटा रिकॉर्ड, ट्रांजेक्शन विवरण से साधना ब्रॉडकास्ट के शेयर से संबंधिक धोखाधड़ी में शामिल 31 इकाइयों के बीच संपर्क का पता लगाने में मदद मिली। उद्योग के कारोबारियों ने इस तरह की बढ़ रही गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सेबी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है।