facebookmetapixel
GST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्सभारतीय IT कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका! आउटसोर्सिंग रोकने पर विचार कर रहे ट्रंप, लॉरा लूमर का दावाये Bank Stock कराएगा अच्छा मुनाफा! क्रेडिट ग्रोथ पर मैनेजमेंट को भरोसा; ब्रोकरेज की सलाह- ₹270 के टारगेट के लिए खरीदेंपीएम मोदी इस साल UNGA भाषण से होंगे अनुपस्थित, विदेश मंत्री जयशंकर संभालेंगे भारत की जिम्मेदारीस्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्ज

अमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

डॉलर की मजबूती, अमेरिकी शुल्क और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपया दबाव में आकर 88.37 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, आरबीआई ने डॉलर बेचकर गिरावट थामी

Last Updated- September 05, 2025 | 10:41 PM IST
rupees
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को नए निचले स्तर पर आ गया। डीलरों ने कहा कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी शुल्क की चिंता से रुपये पर दबाव बना हुआ है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डॉलर की बिकवाली कर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हस्तक्षेप किया जिससे गिरावट पर थोड़ी लगाम लगी।

रुपया 0.13 फीसदी की गिरावट के साथ 88.26 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। गुरुवार को रुपया 88.15 पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान यह गिरकर 88.37 रुपये प्रति डॉलर तक आ गया था। इस साल रुपया का प्रदर्शन सभी ए​शियाई मुद्राओं में सबसे खराब रहा है। इस साल अभी तक रुपये में करीब 3 फीसदी की नरमी आई है।

एक सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘अमेरिका में अतिरिक्त शुल्क के डर से विदेशी पूंजी की निकासी हुई जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा। सरकारी बैंकों ने डॉलर की बिकवाली की जिससे अंतिम घंटे में रुपया अपने नुकसान की थोड़ी भरपाई कर पाया।’

Also Read: Tesla ने मुंबई शोरूम से शुरू की कार डिलीवरी, महाराष्ट्र के मंत्री प्रताप सरनाईक बने पहले आधिकारिक ग्राहक

अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर 50 फीसदी का भारी शुल्क लगाया गया है जो सभी व्यापार भागीदार देशों में सर्वा​धिक है। इस बीच बाजार में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका आईटी सेवाओं और आउटसोर्सिंग पर बंदिशें लगाने पर विचार कर सकता है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस चर्चा ने व्यापारियों को परेशान कर दिया है क्योंकि भारत के चालू खाते में सेवाओं के निर्यात की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सेमीकंडक्टर आयात पर नए शुल्क की धमकियों ने वैश्विक व्यापार पर छाए अनिश्चितता के बादल को और गहरा कर दिया है। इससे जोखिम वाली संपत्तियों पर दबाब बढ़ रहा है।

आईएफए ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘रुपये में आज काफी अस्थिरता रही। यह डॉलर के मुकाबले 5.5 पैसे मजबूत 88.09 पर खुला और दोपहर तक रिकॉर्ड निचले स्तर 88.365 पर आ गया।’

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट आई।  विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार पूंजी की निकासी और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण गिरावट आई है। सप्ताह के दौरान सकारात्मक घरेलू घटनाक्रम के बावजूद डॉलर के मजबूत होने से रुपये में नरमी आई जबकि चीनी युआन में चार सप्ताह की बढ़त के बाद डॉलर के मुकाबले गिरावट देखी गई।’

Also Read: ‘हमनें भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया’, टैरिफ थोपने के बाद बोले ट्रंप, साजिश रचने का लगाया आरोप

बाजार के भागीदारों ने कहा कि फेड के उदार रुख से रुपये को थोड़ी राहत मिल सकती है मगर व्यापार तनाव और विदेशी पूंजी की निकासी से दीर्घकालिक तौर पर दबाव बना हुआ है। 

First Published - September 5, 2025 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट