डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को नए निचले स्तर पर आ गया। डीलरों ने कहा कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी शुल्क की चिंता से रुपये पर दबाव बना हुआ है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डॉलर की बिकवाली कर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हस्तक्षेप किया जिससे गिरावट पर थोड़ी लगाम लगी।
रुपया 0.13 फीसदी की गिरावट के साथ 88.26 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। गुरुवार को रुपया 88.15 पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान यह गिरकर 88.37 रुपये प्रति डॉलर तक आ गया था। इस साल रुपया का प्रदर्शन सभी एशियाई मुद्राओं में सबसे खराब रहा है। इस साल अभी तक रुपये में करीब 3 फीसदी की नरमी आई है।
एक सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘अमेरिका में अतिरिक्त शुल्क के डर से विदेशी पूंजी की निकासी हुई जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा। सरकारी बैंकों ने डॉलर की बिकवाली की जिससे अंतिम घंटे में रुपया अपने नुकसान की थोड़ी भरपाई कर पाया।’
अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर 50 फीसदी का भारी शुल्क लगाया गया है जो सभी व्यापार भागीदार देशों में सर्वाधिक है। इस बीच बाजार में अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका आईटी सेवाओं और आउटसोर्सिंग पर बंदिशें लगाने पर विचार कर सकता है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इस चर्चा ने व्यापारियों को परेशान कर दिया है क्योंकि भारत के चालू खाते में सेवाओं के निर्यात की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सेमीकंडक्टर आयात पर नए शुल्क की धमकियों ने वैश्विक व्यापार पर छाए अनिश्चितता के बादल को और गहरा कर दिया है। इससे जोखिम वाली संपत्तियों पर दबाब बढ़ रहा है।
आईएफए ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘रुपये में आज काफी अस्थिरता रही। यह डॉलर के मुकाबले 5.5 पैसे मजबूत 88.09 पर खुला और दोपहर तक रिकॉर्ड निचले स्तर 88.365 पर आ गया।’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट आई। विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार पूंजी की निकासी और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण गिरावट आई है। सप्ताह के दौरान सकारात्मक घरेलू घटनाक्रम के बावजूद डॉलर के मजबूत होने से रुपये में नरमी आई जबकि चीनी युआन में चार सप्ताह की बढ़त के बाद डॉलर के मुकाबले गिरावट देखी गई।’
Also Read: ‘हमनें भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया’, टैरिफ थोपने के बाद बोले ट्रंप, साजिश रचने का लगाया आरोप
बाजार के भागीदारों ने कहा कि फेड के उदार रुख से रुपये को थोड़ी राहत मिल सकती है मगर व्यापार तनाव और विदेशी पूंजी की निकासी से दीर्घकालिक तौर पर दबाव बना हुआ है।