प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों से अपील की है कि उन्हें यह जांच करनी चाहिए कि बैंकों, बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंडों और सूचीबद्ध कंपनियों में उनकी कोई बगैर दावा की गई रकम है या नहीं और जो उनका हक है उन्हें उसे वापस लेना चाहिए। वित्तीय प्रणाली में 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बगैर दावा की गई रकम पड़ी है। इनमें बैंक जमा, बीमा और निवेश का एक बड़ा हिस्सा शामिल है। बुधवार को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रणाली में निष्क्रिय पड़ी रकम को उसके वास्तविक मालिकों को लौटाने के लिए ‘आपका पैसा, आपका अधिकार’ आंदोलन की घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि घरेलू बचत का एक बड़ा हिस्सा बगैर दावा किए पड़ा है। कहा जा रहा है कि लोग अपने बैंक खाते भूल जाते थे या उनका केवाईसी विवरण अधूरा रहता है। कई बार प्राथमिक खाताधारक की मृत्यु हो गई है या नामांकित व्यक्तियों को उस राशि की जानकारी नहीं होती है।
प्रधानमंत्री ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से बतायाः
बगैर दावा वाली जमा राशि में दशकों में जमा हुई छोटी और बड़ी रकम शामिल होती है। इस तरह की रकम अक्सर वरिष्ठ नागरिकों या ऐसे निवेशकों की होती है जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके परिवार को उनकी जमा राशि के बारे में पता नहीं होता है।
इस जागरूकता आंदोलन के तीन स्तंभ हैंः
सरकार के अनुसार, दूरस्थ क्षेत्रों सहित सैकड़ों जिलों में सुविधा शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और लगभग 200 करोड़ रुपये सही दावेदारों को लौटाए जा चुके हैं
नियामक संस्थाओं और मंत्रालयों ने रकम के दावेदार को ढूंढने की प्रक्रिया आसान बनाने के वास्ते कई विशेष प्लेटफॉर्म भी बनाए हैं
दावेदार अपनी पहचान विवरण का उपयोग करके इन पोर्टलों की जांच कर सकते हैं और फिर ऑनलाइन या जिलास्तरीय हेल्प डेस्क के जरिये रकम पाने का दावा कर सकते हैं
प्रधानमंत्री ने आमलोगों से आग्रह किया है कि वे इसे नहीं टालें। विशेषकर वे लोग जिनके घर के बुजुर्ग रिश्तेदारों के कई खाते या बीमा पॉलिसियां हों। बिना दावे वाली रकम को वापस पाने से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वर्षों की बचत बेकार नहीं जाती।