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RRB IPO: आईपीओ के रास्ते तलाश रहे ग्रामीण बैंक

प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक सहित कई आरआरबी आईपीओ लाने की तैयारी में, वित्त मंत्री के साथ हुई चर्चा

Last Updated- August 28, 2024 | 11:25 PM IST
IPO

अपने मजबूत प्रदर्शन से उत्साहित कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) ने पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बातचीत के दौरान अपने आईपीओ लाने की इच्छा जाहिर की। वित्त मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘19 अगस्त को हुई बैठक में आरआरबी के लिए बाजार अवसरों के बारे में चर्चा हुई थी। कुछ प्रायोजक बैंकों ने कहा था कि कई आरआरबी इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं कि वे धन जुटाने के लिए बाजार में जा सकते हैं।’

वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव (नामित) एम नागराजू, अतिरिक्त सचिव, डीएफएस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रतिनिधि, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), विभिन्न आरआरबी के अध्यक्ष और प्रायोजक बैंकों के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) शामिल हुए थे।

पंजाब नैशनल बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अतुल कुमार गोयल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘9 आरआरबी में से 7 वाकई बेहद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक और पंजाब ग्रामीण बैंक मुख्य रूप से शामिल हैं। हम प्रथम आरआरबी के लिए आईपीओ पर विचार कर रहे हैं।’

मुरादाबाद स्थित प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक की स्थापना 2019 में दो आरआरबी (सर्व यूपी ग्रामीण बैंक मेरठ और प्रथम ग्रामीण बैंक मुरादाबाद) को मिलाकर की गई थी। यह बैंक 20 जिलों में 967 शाखाओं के साथ परिचालन करता है। इन जिलों में बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बागपत, शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, हरिद्वार, गोंडा, बलरामपुर, संभल, बदायूं, झांसी, ललितपुर, मुरादाबाद, रामपुर और अमरोहा मुख्य रूप से शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय के 2022 के मसौदा दिशानिर्देशों के अनुसार 300 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ वाले आरआरबी के पास पिछले तीन वर्षों में से प्रत्येक में 9 प्रतिशत के नियामकीय न्यूनतम स्तर से अधिक पूंजी पर्याप्तता अनुपात होना चाहिए।

इसके अलावा, इन क्षेत्रीय ऋणदाताओं के लिए पिछले पांच वर्षों में से तीन वर्षों में 15 करोड़ रुपये का कर-पूर्व परिचालन लाभ दर्ज करना जरूरी होगा। चिन्हित आरआरबी को पिछले पांच वर्षों में से तीन वर्षों में इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) 10 प्रतिशत और परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) 0.5 प्रतिशत होना चाहिए।

साथ ही, कोई भी ऋणदाता आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के ढांचे से जुड़ा नहीं होना चाहिए। एक आरआरबी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आईपीओ के माध्यम से हमारा लक्ष्य एक प्रतिष्ठित संगठन के रूप में अपनी विश्वसनीयता बढ़ाना और उसे निवेश लायक बनाना है।’

पंजाब ऐंड सिंध बैंक के पूर्व एमडी एवं सीईओ कृष्णन शंकरसुब्रमण्यन ने कहा, ‘यदि आरआरबी सूचीबद्ध होते हैं तो इससे सूचीबद्धता के बाद जनता के प्रति उनका जवाबदेही बढ़ेगी और अतिरिक्त पैसा जुटाकर वे ज्यादा पेशेवर तौर पर परिचालन करने में सक्षम होंगे।’

First Published - August 28, 2024 | 11:22 PM IST

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