जून तिमाही में अनुमान के मुकाबले कमजोर नतीजों, जुलाई में शेयर भाव में आई भारी तेजी और कुछ ब्रोकरों द्वारा अनुमान कटौती की वजह से भारत की सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर पर दबाव बना रह सकता है।
RIl का जीडीआर शुक्रवार को लंदन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई) में 5.86 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। शेयर में मार्च के निचले स्तरों से तेजी का रुझान बना हुआ था और तब से 24 प्रतिशत तक की तेजी आई थी। इसमें ज्यादातर तेजी पिछले तीन सप्ताह में आई। हाल में आई बड़ी तेजी (जियो फाइनैंशियल सर्विसेज डीमर्जर की वजह से) और सीमित दायरे में व्यावसायिक परिवेश की वजह से एमके रिसर्च में विश्लेषक सबरी हजारिका ने शेयर की रेटिंग घटाकर ‘होल्ड’ कर दी है।
कंपनी के जून तिमाही प्रदर्शन पर दबाव का मुख्य कारण ऑयल-टु-केमिकल (ओ2सी) सेगमेंट और इसके लिए कमजोर अल्पावधि परिदृश्य था। जहां संपूर्ण समेकित राजस्व सालाना आधार पर 5 प्रतिशत घटा, वहीं ओ2सी व्यवसाय की बिक्री में 17 प्रतिशत की कमी आई। जून तिमाही में समेकित राजस्व में इस व्यवसाय का 57 प्रतिशत और आरआईएल के परिचालन लाभ में 36 प्रतिशत योगदान रहा।
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व्यवसाय में राजस्व गिरावट काफी हद तक कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी कमजोरी (सालाना आधार पर 31 प्रतिशत) और डाउनस्ट्रीम रसायनों की सुस्त कीमत प्राप्तियों की वजह से दर्ज की गई। कंपनी ने संकेत दिया है कि चीन संबंधित मांग अनुमान से कम रही, जिससे कुल मांग प्रभावित हुई। इसके अलावा उत्पादकों और बिचौलियों ने मंदी की आशंका के बीच लगातार स्टॉक समाप्त करने पर जोर दिया।
सेंट्रम रिसर्च के रोहित नागराज और जय भारत त्रिवेदी का मानना है कि सुस्त वैश्विक मांग परिवेश की वजह से ओ2सी व्यवसाय अल्पावधि में नरम बना रहेगा। ब्रोकरेज ने इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।
उपभोक्ता व्यवसाय में मजबूत वृद्धि की वजह से ओ2सी व्यवसाय में गिरावट के प्रभाव की कुछ हद तक भरपाई करने में मदद मिली। दूरसंचार व्यवसाय में, कंपनी ने मजबूत ग्राहक वृद्धि दर्ज की और प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व में सुधार दर्ज किया। जून तिमाही में कंपनी के लिए शुद्ध ग्राहक वृद्धि ब्रोकरेज के अनुमान की तुलना में बेहतर थी।
ब्रोकरेज फर्म ने यह वृद्धि करीब 10 लाख कम रहने का अनुमान जताया था। कंपनी के अनुसार 4जी और 5जी नेटवर्कों की बढ़ती पहुंच के साथ सालाना आधार पर ग्राहकों की संख्या 7 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
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वायरलेस (ब्रॉडबैंड) व्यवसाय के लिए ग्राहक वृद्धि भी मजबूत रही और अनुमानित तौर पर यह 25 प्रतिशत तक बढ़कर 8.3 लाख ग्राहक दर्ज की गई। कंपनी का कहना है कि ब्रॉडबैंड में ग्राहक आधार नई दरों और बेहतर उत्पाद पेशकशों की मदद से सालाना आधार पर 50 प्रतिशत तक बढ़ा है। एक सकारात्मक बदलाव यह भी है कि पोस्टपेड सेगमेंट में नए अधिग्रहणों से कंपनी को ज्यादा प्राप्तियां हासिल करने में मदद मिलेगी।
एआरपीयू 180.5 रुपये पर रहा, जो 2.8 प्रतिशत तक ज्यादा था और एक साल पहले की तिमाही की तुलना में 1 प्रतिशत अधिक था। यह वृद्धि बेहतर सदस्यता मिश्रण और ब्रॉडबैंड आधार में तेजी की वजह से हासिल हुई। जहां ग्राहक वृद्धि बरकरार रहने का अनुमान है, वहीं दर वृद्धि दूरसंचार व्यवसाय के लिए मुख्य कारक है। यदि अल्पावधि में कीमतें नहीं बढ़ाई गईं तो एआरपीयू वृद्धि निराशाजनक रह सकती है।
रिटेल व्यवसाय में, 19 प्रतिशत की वृद्धि को कंपनी के स्टोर नेटवर्क के विस्तार से मदद मिली। डिजिटल कॉमर्स और नए कॉमर्स (जिसका कुल बिक्री में 18 प्रतिशत योगदान है) में शानदार वृद्धि दर्ज की गई। नए अधिग्रहीत व्यवसायों के समेकन से भी राजस्व को मदद मिली।
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जहां कंपनी ने जून तिमाही में 555 नए स्टोर खोले और इसके साथ ही कुल स्टोरों की संख्या बढ़कर 18,446 पर पहुंच गईं, लेकिन यह शुरुआती तिमाहियों में खोले गए स्टोरों की संख्या के मुकाबले कमजोर आंकड़ा है। ग्राहकों की आवक 24.9 करोड़ थी जो 42 प्रतिशत तक ज्यादा है, जबकि कुल एरिया 70.6 प्रतिशत पर रहा जो सालाना आधार पर 55 प्रतिशत की वृद्धि है। सेगमेंटों के संदर्भ में, किराना ने 55 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की।
अधिग्रहणों के अलावा, सेगमेंट में वृद्धि को प्रोत्साहनों, जनरल मर्केंडाइज की भागीदारी बढ़ने और जियोमार्ट/नए कॉमर्स चैनलों की मजबूत बिक्री से मदद मिली। कंपनी ने संकेत दिया है कि वह नॉन-फूड या जनरल मर्केंडाइज बिक्री में भागीदारी बढ़ाने पर जोर दे रही है जिससे परिचालन मुनाफा मार्जिन बढ़ाने में मदद मिल सकेगी।