SIP investment in smallcap funds: बाजार में उतार-चढ़ाव (market volatility) के बावजूद, स्मॉलकैप (smallcap) और मिडकैप (midcap) इक्विटी म्युचुअल फंड्स खुदरा निवेशकों की पहली पसंद बने हुए हैं। इन फंड्स में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए सबसे अधिक निवेश आ रहा है। हाल ही में जारी एक इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, स्मॉलकैप फंड्स के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में SIP निवेश की हिस्सेदारी 50% से ज्यादा हो चुकी है, जबकि मिडकैप फंड्स भी इस ट्रेंड के करीब हैं।
मार्च 2024 तक, स्मॉलकैप फंड्स में SIPs की हिस्सेदारी बढ़कर 53% हो गई, जो मार्च 2019 में 43% थी। मिडकैप फंड्स में SIPs का योगदान 46% तक पहुंच गया, जबकि लार्जकैप फंड्स में यह 43% और फ्लेक्सीकैप फंड्स में 38% दर्ज किया गया। यह आंकड़े दिखाते हैं कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्कीम्स खुदरा निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। पिछले तीन कैलेंडर वर्षों में, इन फंड्स ने एक्टिव इक्विटी स्कीम्स में 30% से ज्यादा नेट फोलियो एडिशन का योगदान दिया है।
म्युचुअल फंड अधिकारियों और निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश के लिए SIP सबसे बेहतर तरीका है, क्योंकि यह फंड्स हाई वोलैटिलिटी के कारण जोखिम से भरे हो सकते हैं।
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी CEO, फिरोज अजीज ने कहा, “SIP निवेशकों को उनके खरीद मूल्य (purchase cost) को औसत करने में मदद करता है, जिससे गलत समय पर निवेश करने का जोखिम कम हो जाता है।”
स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स के मजबूत प्रदर्शन ने भी SIP में भारी निवेश को बढ़ावा दिया है। अजीज ने कहा, “स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स ने विभिन्न समय-सीमाओं में औसतन 16-20% तक का SIP रिटर्न दिया है, जो लार्जकैप फंड्स की तुलना में काफी अधिक है।”
हाल के दिनों में, स्मॉलकैप फंड्स में SIP एसेट्स की हिस्सेदारी और बढ़ी है, क्योंकि कई बड़ी स्कीम्स अब लंपसम इनफ्लो (एकमुश्त निवेश) स्वीकार नहीं कर रही हैं।
मार्च 2024 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने स्मॉलकैप वैल्यूएशन्स को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद फंड हाउस ने निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाए। इन चिंताओं के बावजूद, स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स खुदरा निवेशकों के लिए पहली पसंद बने हुए हैं।