facebookmetapixel
मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश ने दिखाया, कैसे कृषि क्षमता के सहारे राज्य तेजी से बढ़ सकते हैं आगेITR Filing: एक बार फिर बढ़ी आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन, इन टैक्सपैयर्स को होगा फायदाकेंद्र की तर्ज पर महाराष्ट्र शुरू करेगा राज्य विनिर्माण मिशनकर्ज माफी को लेकर सड़कों पर उतरे किसान, सरकार ने की बातचीत की अपीलBFSI Summit 2025: AI का इस्तेमाल जिम्मेदारी से हो, वरना बढ़ सकता है पक्षपातयोगी सरकार का किसानों के लिए बड़ा फैसला, गन्ना मूल्य 30 रुपये प्रति कुंतल बढ़ायाVodafone Idea AGR मामले में सरकार का पहला बयान, कंपनी को मिलेगी राहत? सिंधिया ने बतायाL&T Q2FY26 Result: मुनाफा 16% बढ़कर ₹3,926 करोड़ पर पहुंचा, रेवेन्यू भी 10% बढ़ाQ2 में 73% बढ़ा गया इस लिकर कंपनी का मुनाफा, गुरुवार को शेयरों में दिख सकता है एक्शनBFSI Summit 2025: भारत बन रहा ग्लोबल बैंकों का पसंदीदा बाजार, लुभा रहे नियामकीय सुधार

तीन साल बाद म्युचुअल फंड में ‘क्वालिटी’ थीम की वापसी, निवेशकों का ध्यान मजबूत कंपनियों पर

अध्ययन में बताया गया है कि यह बदलाव क्वालिटी एवं ग्रोथ वाली कंपनियों के मूल्य निर्धारण में सहजता और वैल्यू शेयरों के साथ-साथ ब्याज दर चक्र में अपेक्षित उलटफेर के कारण हुआ है।

Last Updated- October 02, 2024 | 9:49 PM IST
Understanding switching costs in MF plans to avoid unnecessary expenses स्विचिंग कॉस्ट पर ध्यान दें, वरना घट सकता है आपका रिटर्न; समझें पूरा गणित और बेवजह के खर्चों से बचें

म्युचुअल फंड अब क्वालिटी थीम के इर्दगिर्द रकम जुटा रहे हैं क्योंकि तीन वर्षों से ‘वैल्यू’ थीम के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन के बाद इस निवेश शैली की वापसी की उम्मीद है। क्वालिटी निवेश के तहत ऐसे शेयरों पर जोर दिया जाता है जिनमें तगड़ा रिटर्न मिलता है और कंपनियों पर कर्ज कम होता है। दूसरी ओर, वैल्यू निवेश के तहत मुख्य तौर पर मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

व्हाइटओक कैपिटल और आईसीआईसीआई प्रूडें​शियल ने अपने प्रकार के पहले ऐक्टिव क्वालिटी फंड के लिए नियामकीय मंजूरी मांगी है। इसके अलावा, एडलवाइस एमएफ 11 अक्टूबर को पहला निफ्टी 500 मल्टीकैप मोमेंटम क्वालिटी 50 ईटीएफ पेश करने के लिए तैयार है।

एनएसई के दो वैल्यू और क्वालिटी सूचकांक पर एक नजर डालने से पता चलता है कि स्थिति बदल सकती है। पिछले तीन महीनों के दौरान निफ्टी 200 क्वालिटी 30 सूचकांक में 13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि निफ्टी 200 वैल्यू 30 में महज 8 फीसदी की बढ़त हुई।

रुझान में यह बदलाव वैल्यू के मुकाबले क्वालिटी पर जोर दिए जाने के कारण कई साल बाद आया है। एक साल के लिहाज से निफ्टी 200 वैल्यू 30 अभी भी निफ्टी 200 क्वालिटी 30 के मुकाबले 76 फीसदी आगे है।

एडलवाइस एमएफ की एमडी एवं सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि ईटीएफ शुरू करने का फैसला बाजार के हालात बदलने के कारण लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘हमने यह देखते हुए इस फंड को शुरू करने का फैसला किया कि क्वालिटी कारक अब बेहतर प्रदर्शन करने लगा है। साथ ही हमने सोचा कि क्वालिटी फिल्टर जोखिम को कम करने में मदद करेगा, खास तौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप आवंटन के मामले में। इससे उन शेयरों से बचने में मदद मिल सकती है जो अपनी बुनियादी ​​स्थिति से काफी आगे निकल चुके हैं।’

व्हाइटओक कैपिटल एएमसी के प्रमुख (योजना रणनीति) मनुज जैन के अनुसार अनिश्चित बाजार परिस्थितियों में क्वालिटी निवेश समझदारी भरा कदम है, क्योंकि ऐसी कंपनियों का कारोबारी मॉडल मजबूत होता है।

जैन ने कहा, ‘वे आम तौर पर होड़ में लगातार आगे रहती हैं और अक्सर मजबूत कारोबारी मॉडल के साथ उद्योग में भी अग्रणी होती हैं। इसलिए वे अनिश्चित बाजार परिस्थितियों का मुकाबला करने में समर्थ होते हैं। क्वालिटी थीम ने कैलेंडर वर्ष 2018 और 2020 में अच्छा प्रदर्शन किया, मगर हाल के वर्षों में उसका प्रदर्शन कमजोर रहा है। निवेशकों को याद रखना चाहिए कि समय बदलता रहता है।’

पिछले महीने पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड के एक अध्ययन से पता चलता है कि क्वालिटी और ग्रोथ मानदंडों पर खरा उतरने वाली कंपनियों ने जून से अगस्त की अव​धि में एनएसई500 के अन्य शेयरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। यह अप्रैल 2023 से मई 2024 की अव​धि में प्रदर्शन के विपरीत है।

अध्ययन में बताया गया है कि यह बदलाव क्वालिटी एवं ग्रोथ वाली कंपनियों के मूल्य निर्धारण में सहजता और वैल्यू शेयरों के साथ-साथ ब्याज दर चक्र में अपेक्षित उलटफेर के कारण हुआ है।

सबसे बड़ी फंड कंपनी एसबीआई एमएफ ने भी अपनी रिपोर्ट में रुझान बदलने की बात कही है। उसने सितंबर की अपनी फैक्टशीट में कहा, ‘एक शैली के रूप में क्वालिटी ने अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।’

First Published - October 2, 2024 | 9:49 PM IST

संबंधित पोस्ट