घरेलू म्युचुअल फंडों ने रणनीतिक तौर पर जून में ब्लूचिप शेयरों में अपना निवेश कम किया। साथ ही नकदी भंडार में कमी की। बड़ी ब्लॉक डील में शामिल कंपनियों में बड़ा निवेश करने के लिए ऐसा किया गया। फंड मैनेजरों ने एशियन पेंट्स के 10,500 करोड़ रुपये के शेयर रिलांयस से खरीदे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एशियन पेंट्स की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी और खरीदारों में एसबीआई फंड और आईसीआईसीआई फंड अव्वल थे। म्युचुअल फंडों ने विशाल मेगा मार्ट में भी 8,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जहां केदारा कैपिटल ने 10,223 करोड़ रुपये में 19.6 फीसदी हिस्सेदारी बेची। फंडों ने बजाज फिनसर्व में 4,900 करोड़ रुपये का निवेश किया जहं प्रवर्तक इकाइयों ने 1.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 5,506 करोड़ रुपये जुटाए।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के अनुसार म्युचुअल फंडों ने आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक जैसे लिक्विड ब्लू-चिप शेयरों से हरेक से करीब 1,500-1,500 करोड़ रुपये की निकासी की।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बिकवाली के साथ-साथ मई के 1.96 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले जून में इनका नकदी भंडार 1.81 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जिससे उन्हें ब्लॉक डील में हिस्सेदारी के लिए नकदी मिली। कुल मिलाकर म्युचुअल फंडों ने जून में देसी इक्विटी में लगभग 46,000 करोड़ रुपये का निवेश किया।
मिड-कैप सेगमेंट में साई लाइफ साइंसेज, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा फाइनैंशियल सर्विसेज और आरबीएल बैंक में अहम खरीदारी हुई, जबकि स्मॉलकैप के क्षेत्र में महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, ओसवाल पंप्स और शारदा मोटर इंडस्ट्रीज में इनकी दिलचस्पी रही।
दूसरी ओर, इंद्रप्रस्थ गैस, ऐफल 3आई और बंधन बैंक मिड-कैप स्पेस में सबसे ज्यादा बेचे जाने वाले शेयर रहे। स्मॉलकैप में ओरिएंट सीमेंट, कारट्रेड टेक और सिग्निटी टेक्नॉलजीज के शेयरों की सबसे ज्यादा बिकवाली हुई।