Motilal Oswal Active Momentum Fund: मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड ने सोमवार 24 फरवरी को मोतीलाल ओसवाल एक्टिव मोमेंटम फंड लॉन्च किया है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो मोमेंटम फैक्टर थीम को फॉलो करती है। यह स्कीम Nifty 500 TRI इंडेक्स को को ट्रैक करने के लिए डिजाइन की गई है। मोतीलाल ओसवाल का यह NFO आज यानी 24 फरवरी से ही सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। निवेशक 10 मार्च 2025 तक इस न्यू फंड ऑफर में पैसा लगा सकते हैं। फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम 21 मार्च को कंटिन्यू सेल और रिपरचेज के लिए फिर से खुलेगी।
मोतीलाल ओसवाल के इस न्यू फंड ऑफर (NFO) में निवेशक मिनिमम ₹500 से निवेश शुरू कर सकते हैं, और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश कर सकते हैं। इस स्कीम में SIP के माध्यम से भी पैसा लगाया जा सकता है। निवेशक मिनिमम डेली- ₹100, वीकली- ₹500, मंथली- ₹500, तिमाही-₹1500 और सालाना- ₹6000 की SIP से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। स्कीम का बेंचमार्क Nifty 500 TRI है।
यदि आवंटन की तारीख से 3 महीने के भीतर रिडेम्पशन पर 1% एग्जिट लोड लगेगा। वहीं, आवंटन की तारीख के 3 महीने बाद रिडेम्पशन पर कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा।
मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड की अलग-अलग स्कीमों के बीच स्विच करने पर एग्जिट लोड लागू होगा। हालांकि, एक ही स्कीम के विभिन्न विकल्पों (Options) के बीच स्विच करने पर कोई लोड नहीं लगेगा। साथ ही, यदि निवेशक एक ही स्कीम के रेगुलर प्लान से डायरेक्ट प्लान में स्विच करते हैं, तो उस पर भी कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा।
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मोमेंटम इन्वेस्टिंग निवेश की एक स्ट्रैटेजी है जिसमें उन शेयरों में निवेश किया जाता है जो पहले अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। यह सोचकर कि वे आगे भी अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल एक्टिव मोमेंटम फंड मोमेंटम इन्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी को एक्टिव फंड मैनेजमेंट के साथ मिलाकर बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करता है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच बेंचमार्क से अच्छा प्रदर्शन करने के लिए QGLP (क्वालिटी, ग्रोथ, लॉन्गेविटी और प्राइस) फ्रेमवर्क का उपयोग करता है।
मोतीलाल ओसवाल के इस न्यू फंड ऑफर (NFO) में निवेशकों को डायरेक्ट और रेगुलर प्लान चुनने का मौका मिलेगा। ये दोनों प्लान ग्रोथ ऑप्शन और इनकम डिस्ट्रीब्यूशन कम कैपिटल विदड्रॉल (IDCW) ऑप्शन के साथ उपलब्ध होंगे।
ग्रोथ ऑप्शन: इसमें मिलने वाले मुनाफे को दोबारा स्कीम में निवेश किया जाता है, जिससे पूंजी बढ़ती रहती है।
IDCW ऑप्शन: इसमें समय-समय पर ट्रस्टियों के निर्णय के अनुसार मुनाफा बांटा जा सकता है।
IDCW ऑप्शन के तहत निवेशक डिविडेंड को दोबारा निवेश (Reinvestment), ट्रांसफर या सीधा भुगतान (Payout) लेने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, ये सभी लेन-देन लागू टैक्स और कानूनी प्रावधानों के अनुसार होंगे।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, इस स्कीम का टारगेट लॉन्ग टर्म में कैपिटल बढ़ाना (Long-Term Capital Appreciation) है। स्कीम इंफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, यह स्कीम अपना निवेश मकसद हासिल करने के लिए मुख्य रूप से इक्विटी और उनसे जुड़े इंस्ट्रूमेंट में निवेश करेगा। स्टॉक चुनने के लिए मोमेंटम फैक्टर आधारित स्ट्रैटेजी अपनाई जाएगी।
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इस स्कीम के तहत निवेश मुख्य रूप से मोमेंटम थीम से जुड़े इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों में किया जाएगा, जिसमें कम से कम 80% और अधिकतम 100% तक निवेश होगा। इसके अलावा, अन्य इक्विटी और इक्विटी से जुड़े निवेशों में 0% से 20% तक निवेश किया जा सकता है। डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स (जिनमें कैश और कैश इक्विवेलेंट भी शामिल हैं) में 0% से 20% तक निवेश किया जाएगा। इसके अलावा, REITs और InvITs में 0% से 10% और लिक्विड एवं डेट म्यूचुअल फंड स्कीमों में 0% से 5% तक निवेश की संभावना होगी।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो लॉन्ग टर्म में कैपिटल बढ़ाना (Long-Term Capital Appreciation) है। रिस्कोमीटर पर इस स्कीम को ‘हाई रिस्क’ की कैटिगरी में रखा गया है।
अजय खंडेलवाल, राकेश शेट्टी और वरुण शर्मा इस स्कीम के फंड मैनेजर्स हैं।
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)