facebookmetapixel
कोविड के बाद मांग में उछाल से कंपनियों का मुनाफा तीन गुना बढ़ापराली जलाने में कमी के बावजूद बढ़ा प्रदूषणमैग्नेट रिसाइक्लिंग पर जोर, पीएलआई योजना में शामिल करने की सिफारिशAI में भारत का जलवा! फ्रांस-जापान को पछाड़ा, अब कनाडा और इजरायल के करीबStock market holiday: क्या बुधवार को शेयर बाजार बंद रहेगा? BSE-NSE पर ट्रेडिंग होगी या नहींआपने भी की दिवाली शॉपिंग? जानें Amazon-Flipkart पर किस चीज की हुई सबसे ज्यादा खरीदारीआपके फेंके हुए मोबाइल से बनेंगे देश के इलेक्ट्रिक वाहन! सरकार का नया प्लान चौंकाएगाH1B visa fee: ‘स्टेटस’ बदलवाने पर नहीं लगेगा शुल्कसाने ताकाइची जापान की पहली महिला पीएम, शिगेरु इशिबा का स्थान लियासंवत 2081 में व्यापार पर टकराव से रुपये पर आया दबाव, 4.36% तक टूटा

फरवरी में ‘रेग्युलर’ प्लान में बंद हुए ज्यादा एसआईपी

फरवरी में म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में सक्रिय एसआईपी खातों की कुल संख्या करीब 10 लाख घटकर 10.17 करोड़ रह गई।

Last Updated- March 30, 2025 | 10:24 PM IST
SIP

जनवरी में एसआईपी खातों में शुद्ध गिरावट के पीछे ‘डायरेक्ट’ प्लान से जुड़े एसआईपी खातों का बंद होना था लेकिन फरवरी में स्थिति उलट गई। फरवरी में ‘रेग्युलर’ प्लान से जुड़े एसआईपी बंद होने की रफ्तार बढ़ गई। इन प्लान से जुड़े एसआईपी खाते (जिनके बाजार हालात में ज्यादा लचीला होने की उम्मीद होती है) फरवरी में 8 लाख तक घट गए। यह कम से कम पिछले तीन वर्षों में पहली बड़ी मासिक गिरावट थी।
फरवरी में म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में सक्रिय एसआईपी खातों की कुल संख्या करीब 10 लाख घटकर 10.17 करोड़ रह गई। कुल बंद खातों में से 80 प्रतिशत खाते रेग्युलर योजनाओं में एसआईपी के थे। जनवरी में एसआईपी खातों में शुद्ध गिरावट डायरेक्ट प्लान या ‘डू-इट-योरसेल्फ’ श्रेणी में आई। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिले आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में डायरेक्ट प्लान एसआईपी खातों में 9 लाख की शुद्ध क्लोजिंग हुई जबकि रेग्युलर खातों में 4 लाख की वृद्धि हुई।

म्युचुअल फंड योजनाएं दो वैरिएंट – डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान में होती हैं। इनमें सिर्फ खर्च का अंतर होता है। डायरेक्ट प्लान सस्ता होता है और इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के जरिये खरीदा जा सकता है। रेग्युलर योजनाओं में कमीशन की वजह से लागत ज्यादा होती है और इन्हें मुख्य तौर पर बैंकों, वेल्थ प्लेटफॉर्मों और व्यक्तिगत वितरकों द्वारा बेचा जाता है। बाजार में उतार-चढ़ाव या गिरावट का रेग्युलर योजनाओं के खातों पर कम प्रभाव पड़ने की आशंका होती है, क्योंकि निवेशकों को अपने वितरकों से सलाह मिलती रहती है। एक वरिष्ठ फंड अधिकारी का कहना है कि रेगुलर एसआईपी खातों में बड़ी गिरावट की वजह कुछ हद तक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) का एसआईपी खातों को दुरुस्त करना हो सकती है।

अधिकारी ने कहा, ‘फरवरी में बहुत सी सफाई हुई जिसके कारण एसआईपी बंद हो गए। कहा जा रहा है कि अधिकांश एएमसी अपने पुराने एसआईपी खातों को दुरुस्त कर रही हैं।’ दूसरे अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उन्हें रेग्युलर प्लान से जुड़े खातों में बड़ी गिरावट का कोई खास कारण नहीं दिख रहा है। इक्विटी बाजार में गिरावट और उसकी वजह से फंडों के रिटर्न में कमजोरी की वजह से भी नए खाते खुलने पर असर पड़ा। इससे खाते बंद होने का सिलसिला भी तेज हो गया।

इक्विटी में कुछ योजनाओं को छोड़कर एक साल के एसआईपी का रिटर्न पिछले दो महीनों से कमजोर रहा है क्योंकि सितंबर-फरवरी के बीच की अवधि के दौरान शेयर कीमतों में भारी गिरावट आई। फंड उद्योग में करीब 1 करोड़ ऐसे विशेष निवेशक हैं जिन्होंने पिछले एक साल में निवेश करना शुरू किया है। ये निवेशक कुल फंड निवेशकों की संख्या का करीब पांचवां हिस्सा हैं। इक्विटी बाजार में तेजी और रिकॉर्ड संख्या में इक्विटी फंड पेशकशों से 2024 की पहली छमाही में एसआईपी खाते खोलने की रफ्तार में तेजी आई थी। एसआईपी खाते खोलने में हुई वृद्धि के कारण समय से पहले खाते बंद करने की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

First Published - March 30, 2025 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट