कोरोनावायरस संक्रमण के बिगड़ते हालात की वजह से घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों ने घबराहट में आज जमकर बिकवाली की। इससे बेंचमार्क सूचकांक करीब 3 फीसदी तक लुढ़क गया था लेकिन बाद में नुकसान थोड़ा कम हुआ। संक्रमण के बढ़ते मामलों और कई जगहों पर लॉकडाउन के कारण निवेशकों के बीच अर्थव्यवस्था एवं कंपनियों की आय में सुधार को लेकर चिंता बढ़ गई है।
सेंसेक्स करीब 1,489 अंक टूटने के बाद थोड़ा संभला लेकिन कारोबार की समाप्ति पर 883 अंक या 1.81 फीसदी की गिरावट के साथ 47,949 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 258.40 अंक या 1.77 फीसदी के नुकसान के साथ 14,359.45 पर बंद हुआ। बीते सोमवार को भी दोनों सूचकांकों में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई थी। पिछले 24 घंटे में देश भर में 2.73 लाख से ज्यादा मामले आने और दवाओं तथा अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधाओं की किल्लत के बीच बाजार में गिरावट आई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि कोरोनावायरस की नई किस्म ज्यादा तेजी से भारत में फैल सकती है।
संक्रमण के मामले बढऩे से कई राज्यों को लॉकडाउन और अन्य सख्ती के उपाय करने पड़े हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार से एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया गया है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले राज्य महाराष्ट्र में पहले से ही सख्ती के उपाय किए गए हैं। इसके अलावा आईटी सिटी बेंगलूरु में रात का कफ्र्यू लगाया गया है। कई अन्य राज्यों में भी संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए नाइट कफ्र्यू तथा सख्ती के उपाय किए गए हैं।
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा है, ‘यह देखने वाली बात होगी कि राष्ट्रीय स्तर पर सख्त लॉकडाउन के बिना कोविड-19 की दूसरी लहर काबू में आती है या नहीं। देश में एक महीने के लॉकडाउन से जीडीपी पर 100 से 200 आधार अंक का असर पड़ता है। हम उम्मीद करते हैं कि अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले व्यापक प्रभाव को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार रात का कफ्र्यू और स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के जरिये संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने का प्रयास करेगी।’ देश में कंपनियों की आय और आर्थिक संकेतक पिछली तिमाही में सुधार के संकेत दे रहे थे। लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर से एक बार फिर नरमी की आशंकाा बढ़ गई है। अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट सट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘हम इस साल कंपनियों की आय में 20 से 25 फीसदी वृद्घि की उम्मीद कर रहे थे लेकिन अब अनुमान में कमी करनी होगी। अभी देखना होगा ककि लॉकडाउन किस तरह से और कितना लंबा खिंचता है। अगर यह कुछेक हफ्ते में खत्म हो जाता है तो अर्थव्यवस्था पर इसका मामूली असर पड़ेगा।’