facebookmetapixel
तमिलनाडु में 15,000 करोड़ रुपये के निवेश से विस्तार करेगी फॉक्सकॉनRetail Inflation: सितंबर में खुदरा महंगाई घटकर 1.54% रही, 8 साल में सबसे कमहमास ने 20 बंधकों को किया रिहा, इजरायल ने 1,900 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली कीभारत में आत्महत्या की घटनाओं में 23% की बढ़ोतरी, नौकरी से तनाव और मानसिक उत्पीड़न बड़ा कारणबिजली मंत्रालय ने ब्रह्मपुत्र घाटी से 65 गीगावॉट पनबिजली के लिए ₹6.4 लाख करोड़ का मास्टर बनाया प्लानव्यापार वार्ता के लिए अमेरिका जाएगा भारतीय दल, वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल करेंगे नेतृत्वMuse Wearables ने भारत में स्मार्ट रिंग से तुरंत भुगतान के लिए NPCI रूपे नेटवर्क से की साझेदारीदिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: व्यापारियों को अदालत से ढील मिलने की उम्मीदभारत और कनाडा ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा और दुर्लभ खनिज में सहयोग बढ़ाने का लिया फैसलागूगल और आंध्र प्रदेश करेंगे 1 गीगावॉट क्षमता वाले डेटा सेंटर के लिए समझौता

बजट से पूंजी बाजार में सुधार की ज्यादा संभावना: महावीर लुणावत

आईपीओ के जरिये 1 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद का कारण बाजार में मजबूत नकदी और आईपीओ के प्रति निवेशकों की काफी ज्यादा दिलचस्पी होना है।

Last Updated- April 14, 2024 | 10:35 PM IST
बजट से पूंजी बाजार में सुधार की ज्यादा संभावना: महावीर लुणावत, High anticipation of capital market reforms in the full budget: Lunawat

शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं। पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक महावीर लुणावत ने पुनीत वाधवा को ईमेल के जरिये दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले पांच साल में नई पीढ़ी वाले तकनीकी क्षेत्र अहम मौके वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक होंगे। पेश हैं मुख्य अंश…

पैंटोमैथ की हालिया रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष 2024-25 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिये करीब 1 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। क्या यह जरूरत से ज्यादा महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य नहीं है?

आईपीओ के जरिये 1 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद का कारण बाजार में मजबूत नकदी और आईपीओ के प्रति निवेशकों की काफी ज्यादा दिलचस्पी होना है। आईपीओ के मौजूदा प्रस्ताव इसे और मजबूती देते हैं। करीब 56 कंपनियों का 70,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। वे बाजार नियामक सेबी से संपर्क कर चुकी हैं। इनमें से 19 कंपनियों को नियामक ने 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी है। अन्य 37 कंपनियां 45,000 करोड़ रुपये जुटाना चाह रही हैं, जो मंजूरी की प्रक्रिया में है।

यह अनुमान बाजार के मौजूदा आयाम और नियामकीय माहौल पर आधारित है जो अनुकूल लग रहा है लेकिन संभावित जोखिम मसलन बाजार में उतारचढ़ाव, वैश्विक आर्थिक हालात में बदलाव और नियामकीय समायोजन (जो निवेशक के मनोबल या नकदी के स्तर पर असर डाल सकते हैं) पर भी विचार करना अहम है। इसके बावजूद मौजूदा रफ्तार और नियामकीय मंजूरी इस आशावाद को ठोस नींव मुहैया करा रही हैं। इससे लगता है कि बाजार के लगातार समर्थन और निवेशकों की दिलचस्पी से यह संभव हो सकता है।

मौजूदा वित्त वर्ष में कुल मिलाकर सौदों का परिदृश्य कैसा रहने वाला है?

साल 2024 में 12 फर्में आईपीओ लाना चाह रही हैं। इससे नई, तकनीक से आगे बढ़ने वाले उद्यमों में दिलचस्पी का संकेत मिलता है। उभरते हुए जिन क्षेत्रों पर जोर हो सकता है, उनमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सॉल्युशंस, ग्रीन हाइड्रोजन, अक्षय ऊर्जा, बायोटेक्नोलॉजी, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स) और
सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली और डिजाइन शामिल हैं।

नई पीढ़ी की तकनीकी कंपनियां अस्तित्व के लिए जूझ रही हैं। इस क्षेत्र को आप किस तरह का आकार लेता देखते हैं?

नई पीढ़ी की ज्यादातर तकनीकी कंपनियों को प्राइवेट इक्विटी की फंडिंग मिली हुई है और उनका पूरा ध्यान वृद्धि पर था न कि लाभ पर। हालांकि इन कंपनियों के हालिया कमजोर प्रदर्शन के बाद प्रबंधन ने लाभ पर ध्यान देना शुरू किया है जो इन कंपनियों के हालिया तिमाही आंकड़ों में स्पष्ट हो रहा है। ऐसे में अब ध्यान आक्रामक वृद्धि से लाभ में वृद्धि की ओर चला गया है। कुछ कंपनियां शायद मुश्किल में हैं क्योंकि पीई फंडिंग की कमी हो गई है।

हालांकि हम पूरे क्षेत्र के बारे में ऐसा नहीं कह सकते। जो मजबूत है, वह टिकेगा और ढांचागत तौर पर मजबूत कंपनियां आगे बढ़ेंगी। हमें उम्मीद है कि नई पीढ़ी की कंपनियां अगले पांच साल में मौके के लिहाज से अहम क्षेत्रों में से एक होंगी। हालांकि ऐसी कंपनियों के परिचालन मॉडल और पूंजी आवंटन की रणनीति को लेकर चौकस रहना चाहिए।

क्या आपको नई सरकार के पूर्ण बजट से पूंजी बाजारों में सुधार की उम्मीद है?

आगामी बजट में पूंजी बाजार में सुधारों को लेकर उम्मीद काफी ज्यादा है। बाजार के भागीदार खास तौर से कर संबंधी सुधारों के लेकर आशावान हैं : वैयक्तिक व कॉरपोरेट कर की दरों में कमी और व्यक्तियों के लिए कर मुक्त आय की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद है। ऐसे कदम से लोगों के हाथ में ज्यादा आय बचेगी जिससे बचत, निवेश व उपभोग में इजाफा होगा।

First Published - April 14, 2024 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट