इस साल 43 फीसदी की शानदार उछाल के बाद भी लग रहा है कि सोने में अभी भी कुछ और तेजी बाकी है। विश्लेषकों ने कहा, इसमें कम निवेश सोने की कीमतों के लिए अनुकूल होने की संभावना है। निवेशकों की तरफ से निवेश में उछाल और सोने की कीमतों में तेजी के बावजूद कुल ईटीएफ में गोल्ड ईटीएफ की हिस्सेदारी साल 2007-08 के वैश्विक वित्तीय संकट के स्तर से कम है। क्वांटम म्युचुअल फंड के वरिष्ठ फंड मैनेजर (ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स) चिराग मेहता ने कहा, कुल ईटीएफ परिसंपत्ति में गोल्ड ईटीएफ की हिस्सेदारी वैश्विक आर्थिक संकट के बाद 3 फीसदी से 8 फीसदी पर पहुंच गई थी। हालांकि बाद के वर्षों में यह घटकर 1 फीसदी के सस्तर पर आ गई थी। अभी यह 3 फीसदी के स्तर पर है, जो संकेत देता है कि आने वाले समय में गोल्ड ईटीएफ की परिसंपत्तियों में अच्छे खासे विस्तार की गुंजाइश है।
स्मॉलकैप व मिडकैप के लिए नकदी में मजबूती
स्टॉक एक्सचेंजों की तरफ से स्मॉलकैप व मिडकैप शेयरों के सर्किट फिल्टर में बदलाव के बाद कुछ स्मॉलकैप व मिडकैप शेयर एक बार फिर ट्रेडरों के रेडार पर आ गए हैं। पिछले हफ्ते 36 शेयरों के सर्किट फिल्टर बढ़ाकर 5 फीसदी से 20 फीसदी तक किए गए। इसके अलावा करीब 200 शेयरों के सर्किट फिल्टर 10 फीसदी से 20 फीसदी किए गए। एक विश्लेषक ने कहा, 5 फीसदी सर्किट की सीमा काफी प्रतिबंधात्मक थी। इसने कई शेयरों से नकदी खींच ली। 20 फीसदी की सीमा अभी भी ट्रेडरों व निवेशकों को किसी घटनाक्रम के प्रति प्रतिक्रिया जताने के लिए लचीलेपन की पेशकश करती है। एक्सचेंजों ने 645 शेयरों की सर्किट की सीमा में संशोधन किया है, जिसमें से सिर्फ 10 ही सीमा के करीब देखे गए
एफपीओ के निवेशकों को देर से हुआ फायदा
येस बैंक की 15,000 करोड़ रुपये की अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) में निवेश करने वालों को पिछले हफ्ते मुस्कुराने का मौका मिला। संकटग्रस्त बैंक का शेयर शुक्रवार को 14.1 रुपये पर बंद हुआ और इस तरह से एफपीओ की कीमत 12 रुपये के मुकाबले उसमें 17.5 फीसदी का लाभ दर्ज हुआ। येस बैंक के एफपीओ को पूरा आवेदन नहीं मिल पाया था, लिहाजा एसबीआई कैप को बिना बिके हिस्से को अंडरराइट करना पड़ा था। 27 जुलाई को नए शेयरों के सूचीबद्ध होने के बाद येस बैंक का शेयर इश्यू प्राइस से नीचे चला गया था। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि हालिसया बढ़ोतरी उत्साहजनक संकेत हैं। एक विश्लेषक ने कहा, नए शेयरों की काफी ज्यादा आपूर्ति हुई है और ये शेयर बाजार में प्रवेश कर चुके हैं। कई एफपीओ निवेशक बिकवाली करना चाहते हैं। इसके बावजूद शेयर ने सकारात्मक रुख प्रदर्शित किया है। इसका मतलब यह है कि इस शेयर में मजबूती है।
