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Jio Platforms IPO की तैयारी में, बन सकती है दुनिया की छठी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी

जियो ने सितंबर 2016 में अपनी टेलीकॉम सर्विस शुरू की थी और इतने कम समय में यह मुकाम हासिल करना इसे दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली टेलीकॉम कंपनियों में शामिल करता है।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- May 06, 2025 | 9:59 AM IST

रिलायंस की डिजिटल कंपनी Jio Platforms के जल्द IPO प्रक्रिया शुरू करने की संभावना जताई जा रही है। विश्लेषकों के अनुसार, कंपनी की एंटरप्राइज वैल्यू (EV) करीब $136 बिलियन से $154 बिलियन के बीच आंकी गई है। यह वैल्यूएशन इसे दुनिया की छठी सबसे बड़ी लिस्टेड टेलीकॉम कंपनी के बराबर ला खड़ा करता है।

जियो ने सितंबर 2016 में अपनी टेलीकॉम सर्विस शुरू की थी और इतने कम समय में यह मुकाम हासिल करना इसे दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली टेलीकॉम कंपनियों में शामिल करता है।

अगर वैल्यूएशन के आधार पर तुलना करें, तो जियो से आगे केवल ये कंपनियां हैं:

  • T-Mobile (अमेरिका) – $282.58 बिलियन
  • China Mobile (चीन) – $232.09 बिलियन
  • AT&T (अमेरिका) – $198.67 बिलियन
  • Verizon (अमेरिका) – $184.41 बिलियन
  • Deutsche Telekom (जर्मनी) – $175.63 बिलियन

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्मों गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) और जेफरीज के हालिया अनुमान के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल और टेलीकॉम यूनिट जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यूएशन अगर 154 अरब डॉलर (करीब ₹12.8 लाख करोड़) तक पहुंचती है, तो यह भारत की टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल को पीछे छोड़ देगी और दुनिया की छठी सबसे मूल्यवान टेलीकॉम कंपनी बन जाएगी। इस वैल्यूएशन पर जियो, कॉमकास्ट, चाइना टेलीकॉम, एनटीटी, सॉफ्टबैंक, KDDI, सऊदी टेलीकॉम, अमेरिका मोबाइल और सिंगापुर टेलीकॉम जैसी दिग्गज कंपनियों को भी पीछे छोड़ देगी। फिलहाल भारती एयरटेल का मार्केट कैप 131.34 अरब डॉलर है और वह छठे स्थान पर है।

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मार्केट कैप यानी बाजार पूंजीकरण किसी कंपनी के कुल शेयरों के मूल्य को दर्शाता है, लेकिन एंटरप्राइज वैल्यू (EV) कंपनी की असली आर्थिक स्थिति को अधिक सटीक रूप से दर्शाती है। इसमें कंपनी का कुल कर्ज, पसंदीदा शेयर, अल्पसंख्यक हिस्सेदारी को जोड़ा जाता है और नकद व नकद समकक्ष राशि घटाई जाती है। इसलिए EV को निवेशकों द्वारा अधिक व्यापक मूल्यांकन का पैमाना माना जाता है।

Goldman Sachs ने जियो की वैल्यूएशन के तीन स्तर बताए हैं—बुलिश (154 अरब डॉलर), बेस लेवल (123 अरब डॉलर) और बियर लेवल (98 अरब डॉलर)। यहां तक कि बेस लेवल वैल्यूएशन पर भी जियो अमेरिकन टावर जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए आठवें स्थान पर आ जाएगी। दूसरी ओर, जेफरीज ने जियो की कुल वैल्यूएशन 136 अरब डॉलर आंकी है, जिसमें 110 अरब डॉलर का मूल्य सिर्फ टेलीकॉम बिजनेस से आ रहा है और बाकी हिस्सेदारी जियो के नॉन-मोबाइल कारोबार की है। यह अनुमान भी जियो को दुनिया की छठी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बना देता है।

इस तरह जियो प्लेटफॉर्म्स तेजी से वैश्विक रैंकिंग में ऊपर चढ़ती जा रही है और निकट भविष्य में भारत की सबसे मूल्यवान टेलीकॉम कंपनी बनने की ओर अग्रसर है।

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जियो प्लेटफॉर्म्स कई कंपनियों को नियंत्रित करता है, जिनमें रिलायंस जियो (जो मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएं देती है), जियो सैटेलाइट (सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा), सावन मीडिया, जियो हैप्टिक टेक्नोलॉजीज और एस्टेरिया एयरोस्पेस शामिल हैं।

अब तक कंपनी को कुल ₹1,52,055 करोड़ का निवेश मिल चुका है। यह निवेश दुनियाभर की बड़ी प्राइवेट इक्विटी और टेक कंपनियों से आया है, जिनमें फेसबुक, सिल्वर लेक, केकेआर, मुबाडाला, जनरल अटलांटिक, विस्टा, टीपीजी, एडीआईए और गूगल शामिल हैं। इन कंपनियों की जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल हिस्सेदारी 32.9% से अधिक है।

First Published : May 6, 2025 | 9:59 AM IST