गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) जल्द ही असूचीबद्ध फर्मों के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी जुटाने के स्वतंत्र प्लेटफॉर्म के तौर पर उभर सकती है। सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक बाजार की गतिविधियों में तेजी के संकेत दिख रहे हैं और एक एडटेक फर्म समेत करीब आधा दर्जन कंपनों ने सूचीबद्धता के लिए चर्चा शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि करीब एक साल पहले नियामक यानी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने सीधी सूचीबद्धता के लिए फ्रेमवर्क जारी किया था।
सूत्रों ने संकेत दिया कि इन कंपनियों ने 1 से 1.5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाने के लिए चर्चा शुरू कर दी है। इनमें से एक कंपनी इसी महीने आईपीओ का मसौदा दस्तावेज जमा करा सकती है। एक जानकार सूत्र ने कहा कि एक कंपनी वैश्विक निवेशकों से 10 करोड़ डॉलर जुटाने पर विचार कर रही है। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो इस वित्तीय केंद्र में विदेशी मुद्रा में यह पहली लिस्टिंग हो सकती है। इससे दूसरी कंपनियां भी ऐसी संभावना तलाशने के लिए प्रोत्साहित हो सकती हैं। एक सूत्र ने बताया कि करीब 4-5 कंपनियां सूचीबद्धता के लिए अपना मसौदा दाखिल करने की योजना बना रही हैं।
बातचीत अंतिम चरण में है और कुछ ही हफ्तों में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि गिफ्ट सिटी में सूचीबद्ध होने की इच्छुक कंपनियों में से एक एक्सईडी इंस्टीट्यूट है जिसकी स्थापना 2015 में हुई थी और जिसकी सिंगापुर, यूएई और अमेरिका जैसे देशों में कार्यालयों के साथ वैश्विक मौजूदगी है। यह कंपनी वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में कार्यक्रम मुहैया कराके वरिष्ठ लीडरशिप के एक अच्छे वर्ग को सेवा मुहैया कराती है। इस बारे में एक्सईडी इंस्टिट्यूट को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने कहा कि गिफ्ट सिटी कुछ भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बेहतर मूल्यांकन पर वैश्विक बाजारों तक पहुंच उपलब्ध करा सकती है जहां उन्हें विविध प्रकार के निवेशक समूह मिल सकते हैं।
एनएसई इंटरनैशनल एक्सचेंज के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, हमें जल्द ही एक फाइलिंग की उम्मीद है। फाइलिंग के बाद हम समय-सीमा पर चलेंगे। एक बार बढ़िया लेनदेन हो गए तो हमें यकीन है कि यहां सूचीबद्धता की योजना बनाने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ जाएगी। गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों और वैश्विक कंपनियों दोनों की सूचीबद्धता के लिए बुनियादी ढांचा तैयार है।
कई कर लाभ मिलने के कारण गिफ्ट सिटी ने म्युचुअल फंडों, वैकल्पिक निवेश फंडों और ग्रीन बॉन्ड के साथ रफ्तार पकड़ी है। इसके अलावा, सिंगापुर एक्सचेंज से गिफ्ट निफ्टी अनुबंधों के हस्तांतरण ने भी वित्तीय केंद्र में सेकंडरी बाजार की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। एक अन्य सूत्र ने कहा, गिफ्ट सिटी में मर्चेंट बैंकरों को ऑफिस खोलने के लिए रियायतों पर अधिसूचना जल्द ही जारी होने की उम्मीद है, जिसके बाद प्राथमिक बाजार में और तेजी आ सकती है।
आईएफएससीए की ओर से तय मानदंडों के अनुसार, कंपनियों का पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्व 2 करोड़ डॉलर या पिछले तीन वर्षों में औसत रूप से ऐसा होना आवश्यक है। वे कंपनियां भी पात्र हो सकती हैं जिनका पिछले वित्तीय वर्ष में कर-पूर्व लाभ 10 लाख डॉलर रहा हो। वे कंपनियां भी योग्य हो सकती हैं जिनका निर्गम के बाद बाजार पूंजीकरण 2.5 करोड़ डॉलर हो।
इश्यू लाने वालों को आईएफएससीए के अवलोकन के लिए उसके पास पेशकश दस्तावेज दाखिल करना होगा। हालांकि 5 करोड़ डॉलर या उससे कम के निर्गम आकार वाले जारीकर्ताओं को इससे छूट दी गई है और उन्हें केवल एक्सचेंज की मंजूरी की जरूरत होगी। ईएफएससीए के मानदंडों के अनुसार पेशकश दस्तावेज में महत्त्वपूर्ण खुलासे अनिवार्य हैं। इसके अलावा, इश्यू लाने वाले प्रवर्तकों और नियंत्रक शेयरधारकों की पूर्व-निर्गम शेयरधारिता आईपीओ में आवंटन की तारीख से 180 दिन के लिए लॉक रहेगी।
इश्यू लाने वाली कंपनी को आईपीओ से प्राप्त रकम के इस्तेमाल की निगरानी के लिए किसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को निगरानी एजेंसी के रूप में नियुक्त करना होगा। इस व्यवस्था में डीआर और विशेष प्रयोजन अधिग्रहण कंपनी (एसपीएसी-स्पैक) की लिस्टिंग की भी अनुमति है। जुलाई 2023 में वित्त मंत्री ने पहली बार आईएफएससी में अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर भारतीय पब्लिक कंपनियों को सीधी लिस्टिंग की अनुमति देने के निर्णय की घोषणा की थी।