वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में देश का निर्यात सुस्त रहने तथा चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ने का अनुमान लगाए जाने के बाद रुपये पर दबाव कायम हो गया तथा अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 41 पैसे लुढ़ककर 81.93 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी कोषों की निकासी और घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती से भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.61 पर कमजोर खुला लेकिन दिन के कारोबार में यह 82 प्रति डॉलर तक लुढ़क गया।
कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव से 41 पैसे लुढ़ककर 81.93 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 81.58 के दिन के उच्च स्तर और 82.07 के निम्न स्तर को छुआ। इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 81.52 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.15 फीसदी बढ़कर 102.43 हो गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.18 फीसदी घटकर 83.90 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि निवेशक फेडरल रिजर्व से ब्याज दर के फैसले और 2023-24 के आम बजट के लिए तैयार हैं, दोनों की घोषणा बुधवार को होनी है।
यह भी पढ़ें: Adani Enterprises FPO: बिक्री के आखिरी दिन हुआ पूरा सब्सक्राइब
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि निर्यात में स्थिरता रहने और बाद में चालू खाते के घाटे के बढ़ने के कारण भारतीय रुपये का मूल्य दबाव में रह सकता है। घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 49.49 अंक की तेजी के साथ 59,549.90 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने सोमवार को शुद्ध रूप से 6,792.80 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।