Gold vs Nifty: 2024 में भारतीय शेयर बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन 2025 में अब तक कमोडिटी यानी सोना-चांदी ने बाजी मार ली है। वहीं, प्रमुख शेयर सूचकांक निफ्टी50 और सेंसेक्स ने अब तक कोई नया रिकॉर्ड नहीं बनाया है। निफ्टी50 ने 2024 में रिकॉर्ड 65 बार नई ऊंचाइयां छुई थीं, लेकिन 2025 में अब तक एक भी नया रिकॉर्ड नहीं बना है। इससे पहले 2016 में ऐसा हुआ था जब निफ्टी ने पूरे साल में कोई नई ऊंचाई नहीं छुई थी। पिछले 15 सालों में ऐसा केवल चार बार (2010, 2011, 2012 और 2016) हुआ है।
इस साल सोना अब तक 65 बार नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जो इतिहास में दूसरी सबसे ज्यादा बार है। इससे पहले 1979 में सोना 57 बार नए रिकॉर्ड पर पहुंचा था। चांदी भी $50 के स्तर को पार कर चुकी है, जो अब तक तीसरी बार हुआ है।
निफ्टी और सेंसेक्स: लगभग 7% की बढ़त
सोना: 53.09% की तेजी
चांदी: 74.65% का भारी उछाल
क्यों बढ़ रहा है सोने-चांदी में निवेश?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों और विदेशी निवेशकों (FPI) की बिकवाली के कारण निवेशक कमोडिटी की ओर झुक रहे हैं। जानकारों का मानना है कि यह जोखिम से भागने की स्थिति नहीं है, बल्कि सतर्कता के साथ पोर्टफोलियो में बदलाव किया जा रहा है।
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Right Horizons PMS के फंड मैनेजर अनिल रेगो का कहना है कि निवेशक अब ऐसे बाजारों को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां घरेलू मांग मजबूत है और कमाई में स्थिरता है। ऐसे में भारत जैसे देशों को प्राथमिकता मिल रही है। वहीं, जिन सेक्टर्स में वैल्यूएशन बहुत ऊंचा है या जो ज्यादा एक्सपोर्ट पर निर्भर हैं, वहां से निवेशक दूरी बना रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के अंत तक निफ्टी नए रिकॉर्ड बना सकता है, हालांकि यह उछाल धीरे-धीरे होगा, तेजी से नहीं। भारत में महंगाई नियंत्रण में है, रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है, जीएसटी में सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च भी जारी है। साथ ही कंपनियों के FY26 की कमाई के अनुमान भी अच्छे हैं। हालांकि, वैश्विक जोखिम जैसे अमेरिका की नई टैरिफ नीतियां, धीमी वैश्विक ग्रोथ और विदेशी निवेश की अनिश्चितता निफ्टी की तेजी को रोक सकती है।
ब्रोकरेज कंपनी Bernstein का मानना है कि 2025 के अंत तक निफ्टी 26,500 के स्तर तक जा सकता है, जो नया रिकॉर्ड होगा। लेकिन भारी IPO की लाइन बाजार की तेजी को सीमित कर सकती है। उनके अनुसार, इस साल भारत की आर्थिक स्थिति और कंपनियों की कमाई में सुस्ती ने निवेशकों का भरोसा थोड़ा हिला दिया है।
देश में मजबूत घरेलू संकेत मिल रहे हैं। SIP निवेश सितंबर में ₹29,361 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। बैंकिंग, ऑटो और कैपिटल गुड्स कंपनियों के Q2 FY26 नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद है। GST 2.0 और बजट से पहले के नीतिगत संकेतों से कंजम्प्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को सहारा मिल सकता है। रेगो के मुताबिक, निफ्टी के 70% से ज्यादा शेयर अपने 200-दिन के औसत से ऊपर हैं, जो बताता है कि बाजार में व्यापक हिस्सेदारी बढ़ रही है और जल्द ही निफ्टी नई ऊंचाई छू सकता है।