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फरवरी में एफपीआई ने आईटी, बैंकिंग में सबसे ज्यादा बिकवाली की

Last Updated- December 11, 2022 | 8:48 PM IST

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बैंकिंग एवं वित्तीय संवा, तेल एवं गैस और एफएमसीजी पर पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) द्वारा की गई बिकवाली का ज्यादा प्रभाव पड़ा। फरवरी में, एफपीआई ने 4.7 अरब डॉलर के शेयर बेचे और धातु एवं खनन, फार्मा और दूरसंचार को छोड़कर ज्यादातर क्षेत्रों में बिकवाली दर्ज की गई।एफपीआई ने 1.45 अरब डॉलर मूल्य के आईटी शेयर बेचे। इस बिकवाली से क्षेत्र का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। इस साल अब तक के आधार पर बीएसई की आईटी सूचकांक 7.7 प्रतिशत नीचे आया है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में एफपीआई ने बैंकिंग एवं वित्त क्षेत्र में 1.32 अरब डॉलर, तेल एवं गैस क्षेत्र में 63.8 करोड़ डॉलर और एफएमसीजी में 58.4 करोड़ डॉलर मूल्य के शेयर बेचे। एफपीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों में जहां एक साल पहले अपना 33.4 प्रतिशत निवेश किया, वहीं इस साल फरवरी में यह आंकड़ा घटकर 30.3 प्रतिशत रह गया। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले 5 से 8 वर्षों के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में कई ढांचागत बदलाव हुए हैं, जिसकी वजह से पिछले जैसी कमाई के अवसर पैदा नहीं हो सकते हैं।
इक्विनोमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम का कहना है, ‘बैंकिंग सेक्टर की ऋण वृद्घि हाल के दो अंक के आंकड़े के मुकाबले 8 प्रतिशत पर सिमट कर रह गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के आठ मजबूत बैंकों में समेकन से प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। इन ढांचागत बदलावों के साथ साथ बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों से निवेशकों को बैंकिंग क्षेत्र के लिए अत्यधिक भारांक के संदर्भ में पुन: आकलन करना होगा।’ धातु एवं खनन क्षेत्र में बढ़ती जिंस कीमतों की मदद से 38.1 करोड़ डॉलर का पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (रिटेल रिसर्च) सिद्घार्थ खेमका ने कहा, ‘रूस-यूक्रेन युद्घ से पहले भी, जिंस कीमतें सुधरती आर्थिक गतिविधि और चीन में संयंत्र बंद होने की वजह से पैदा हुई आपूर्ति किल्लत के कारण तेजी से बढ़ रही थीं। मूल्यांकन सहज स्तर पर थे, क्योंकि ये शेयर कमजोर प्रदर्शन कर रहे थे।’फार्मा सेक्टर में 8.8 करोड़ डॉलर मूल्य का पूंजी प्रवाह आकर्षित किया गया, और दूरसंार क्षेत्र के लिए यह आंकड़ा 6 करोड़ डॉलर रहा।
खेमका ने कहा, दूरसंचार क्षेत्र जिंस कीमतों में वृद्घि या भूराजनीतिक समस्याओं से प्रभावित नहीं हुआ है।

First Published - March 10, 2022 | 11:25 PM IST

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