विश्लेषकों का कहना है कि फूड एग्रीगेटर जोमैटो ने पेटीएम के मनोरंजन और टिकटिंग कारोबार के अधिग्रहण के लिए बोर्ड की मंजूरी लेकर अपने तीसरे वर्टिकल ‘गोइंग-आउट बिजनेस’ की नींव रख दी है। उनका मानना है कि इस कदम से ‘गोइंग-आउट’ पेशकश को ताकत मिलेगी, लेकिन जोमैटो को अधिग्रहण का पूरा लाभ मिलने में समय लग सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों का कहना है, ‘पेटीएम की एंटरटेनमेंट और टिकटिंग इकाई जोमैटो के ‘डिस्ट्रिक्ट’ ऐप का हिस्सा होगी। इस ऐप को आने वाले सप्ताहों में पेश किया जाना है। हालांकि फूड डिलिवरी, किराना और गोइंग-आउट सभी में मजबूत ब्रांड तैयार करने के जोमैटो के विजन ने उसे दीर्घावधि के लिहाज से मजबूत प्लेटफॉर्म बना दिया है।’
जोमैटो का शेयर दिन के कारोबार में 2.7 प्रतिशत चढ़कर 267 रुपये पर पहुंच गया था। हालांकि यह आखिर में 0.8 प्रतिशत की बढ़त के साथ 257.8 रुपये पर बंद हुआ। दूसरी तरफ पेटीएम का शेयर 604.45 रुपये के 6 महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और दिन के कारोबार में इसमें 5 प्रतिशत की तेजी आई। आखिर में यह 3.3 प्रतिशत गिरकर 554 रुपये पर बंद हुआ। सेंसेक्स 148 अंक चढ़कर 81,053 पर बंद हुआ।
बुधवार को जोमैटो के बोर्ड ने 2,048 करोड़ रुपये नकद में पेटीएम के एंटरटेनमेंट एवं टिकटिंग व्यवसाय (मूवी, स्पोर्ट्स एवं इवेंट) को खरीदने की मंजूरी दी थी। वित्त वर्ष 2024 के अंत में, इस इकाई की सकल ऑर्डर वैल्यू (जीओवी) करीब 2,000 करोड़ रुपये थी, जो सालाना आधार पर 29 प्रतिशत अधिक है और 1 करोड़ से अधिक ग्राहकों ने 7.8 करोड़ की टिकट खरीदी की। इस व्यवसाय का राजस्व 197 करोड़ रुपये (29 करोड़ रुपये के समायोजित एबिटा के साथ) था।
इसकी तुलना में जोमैटो के गोइंग-आउट सेगमेंट ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 5,070 करोड़ रुपये की सालाना जीओवी दर्ज की। अधिक बढ़ सकता है।
इस बीच दोनों कंपनियों के बोर्ड ने निर्णय लिया है कि टिकटिंग व्यवसाय पेटीएम ऐप पर 12 महीने तक चलता रहेगा जिससे कि ग्राहकों को लेनदेन में कोई समस्या न हो। यह सौदा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में पूरा होने की संभावना है।
जब यह सौदा पूरा हो जाएगा तो जोमैटो देश में बुकमाईशो के बाद दूसरा सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट टिकटिंग प्लेटफॉर्म बन जाएगा। जोमैटो के प्रबंधन को गोइंग-आउट सेगमेंट के अल्पावधि में भरपाई के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। कंपनी वित्त वर्ष 2026 तक जीओवी बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये पर पहुंचाने पर ध्यान देगी।
प्रबंधन का मानना है कि मध्यावधि से दीर्घावधि के दौरान समायोजित एबिटा मार्जिन बढ़कर 4-5 प्रतिशत हो जाएगा। जेएम फाइनैंशियल ने शेयर की कीमत लक्ष्य 260 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया है और खरीदें रेटिंग दी है।