प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
जब भी हम अपना इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन फाइल करते हैं, तो लगता है काम पूरा हो गया। लेकिन असली प्रक्रिया तो उसके बाद शुरू होती है, जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी रिटर्न को चेक करता है। अगर सबकुछ उनके कैलकुलेशन से मैच कर जाए, तो बस एक साधारण-सी पुष्टि मिलती है। लेकिन डिपार्टमेंट को इनकम में, डिडक्शन में या टैक्स कैलकुलेशन में जरा भी अंतर दिखता है, वो आपके पास खास तरह का नोटिस भेज देता है। इस नोटिस को ITR इंटिमेशन कहते हैं और यह सेक्शन 143(1) के तहत आता है । यह इंटिमेशन दरअसल आपकी रिटर्न का हेल्थ कार्ड होता है, जो बताता है कि आपकी फाइलिंग सही है, रिफंड मिलेगा या कोई अतिरिक्त टैक्स चुकाना पड़ेगा।
AY 2025-26 फाइलिंग की आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है, लेकिन टैक्सपेयर्स बिलेटेड रिटर्न अभी फाइल कर सकते हैं। हालांकि, जिन लोगों ने पहले फाइल कर दिया है उनमें से कई लोगों के पास अब इंटिमेशन मेल आना शुरू भी हो चुके हैं। कई लोग इसे नोटिस समझकर घबरा जाते हैं, जबकि यह सिर्फ एक चेकअप रिपोर्ट है, जो आपके इनबॉक्स में चुपचाप बताकर जाती है कि आपकी ITR की स्थिति क्या है।
रिटर्न फाइल करने के बाद जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके हिसाब-किताब को प्रोसेस करता है, फिर उसके बाद इंटिमेशन भेजता है। ये आपकी रजिस्टर्ड ईमेल ID पर आता है, जैसे donotreply@incometaxindiaefiling.gov.in या noreply@cpc.gov.in से। साथ में रजिस्टर्ड मोबाइल पर SMS अलर्ट भी मिलता है। आमतौर पर ये कुछ हफ्तों या महीनों में आ जाता है, लेकिन नियम के मुताबिक वित्त वर्ष के खत्म होने के 9 महीने के अंदर इश्यू होता है। मसलन, AY 2025-26 (फाइनेंशियल ईयर 2024-25) के लिए ये 31 दिसंबर 2026 तक आ सकता है। अगर रिफंड का केस हो या कोई बदलाव, तो ये जल्दी आ जाता है। टैक्सपेयर्स पोर्टल पर लॉगिन करके भी डाउनलोड कर सकते हैं, लेकिन ईमेल चेक करना न भूलें।
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ये इंटिमेशन एक पासवर्ड प्रोटेक्टेड PDF फाइल के रूप में आता है, ताकि सिक्योर रहे। पासवर्ड बनाना बिल्कुल आसान है। अपना पैन नंबर छोटे स्मॉल लेटर में लिखें, उसके बाद बर्थ डेट DDMMYYYY format में जोड़ दें। उदाहरण के तौर पर, अगर पैन ABCDE1234F और जन्मतिथि 15 जुलाई 1990 है, तो पासवर्ड बनेगा abcde1234f15071990। ये स्टैंडर्ड तरीका है, और हर बार वही काम करता है। फाइल ओपन होते ही सबसे पहले पर्सनल डिटेल्स जैसे नाम, एड्रेस, पैन चेक करें।
अगर नोटिस में दिखे एडजस्टमेंट्स से सहमत न हों, जैसे इनकम या टैक्स कैलकुलेशन में फर्क, तो चुप न बैठें। सबसे पहले नोटिस में बताई गई वजहें पढ़ें। हो सकता है डिपार्टमेंट ने आपकी डिटेल्स से मिसमैच पकड़ा हो। फिर, अपनी तरफ से एक्सप्लेनेशन, सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स जैसे सैलरी स्लिप या बैंक स्टेटमेंट तैयार करें। जवाब ऑनलाइन ई-फाइलिंग पोर्टल पर सबमिट करें: