Emcure Pharmaceuticals IPO Details: पुणे स्थित एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स (Emcure Pharmaceuticals) ने अपने आगामी प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) के लिए प्रति शेयर 960-1008 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। Emcure Pharma IPO 3 जुलाई को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। कंपनी 7.9 इक्विटी (79 लाख) शेयरों के फ्रेश इश्यू के जरिये कुल 800 करोड़ रुपये और 11.4 मिलियन शेयरों को ओपन ऑफर (OFS) के जरिये जारी कर कुल 1952 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।
Emcure Pharma IPO Date: IPO 3 जुलाई से 5 जुलाई तक सदस्यता के लिए खुला रहेगा। यह 2024 का चौथा सबसे बड़ा IPO होगा। इस साल के तीन सबसे बड़े- भारती हेक्साकॉम (4275 करोड़ रुपये), आधार हाउसिंग फाइनेंस (3000 करोड़ रुपये) और गो डिजिट (2614 करोड़ रुपये) के बाद Emcure Pharma का आईपीओ आएगा।
नए इश्यू से मिले फंड का उपयोग कंपनी कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। 30 सितंबर, 2023 तक एमक्योर के कुल बकाया कर्ज 2012.8 करोड़ रुपये थे। शुद्ध प्राप्तियों (net proceeds ) का उपयोग कुछ उधारों के मूल राशि (principal amount) और अर्जित ब्याज (accrued interest) के भुगतान के लिए किया जाएगा।
Emcure ने पिछले साल यानी दिसंबर 2023 में सेबी (Sebi) के पास डायरेक्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DHHP) फाइल किया था और पिछले महीने इसे इश्यू लाने की मंजूरी मिल गई।
एमक्योर फार्मा ने अगस्त 2021 में IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर्स दायर किए थे, जिसमें 1100 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 18 मिलियन इक्विटी शेयरों का OFS शामिल था। मार्केट के सूत्रों के मुताबिक, उस समय कंपनी का फंड जुटाने का लक्ष्य 4500-5000 करोड़ रुपये था। कंपनी को दिसंबर 2021 में IPO योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सेबी की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, उसने उस समय IPO लॉन्च नहीं किया था।
शुक्रवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए, एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) सतीश मेहता ने कहा कि, ‘जिस समय हम IPO लाने की योजना बना रहे थे, उसी समय यूक्रेन-रूस के बीच तनातनी हुई और हमें लगा कि हम उपयुक्त समय के लिए इंतजार करेंगे।’
सतीश मेहता ने कहा कि एमक्योर ने अब तक घरेलू बाजार में वृद्धि की है और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिग्रहण किए हैं, जिसमें 2016 में कनाडा की इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल जेनरिक्स (International Pharmaceutical Generics ) और इसकी मार्केटिंग ब्रांच मारकान फार्मास्युटिकल्स (Marcan Pharmaceuticals) और 2014 में इंगलैंड की टिलोमेड (Tillomed) शामिल हैं।
घरेलू बाजार में कंपनी महिलाओं के हेल्थ सेगमेंट और अन्य क्रोनिक थेरेपी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। एमक्योर की महिला स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूत स्थिति है। एमक्योर की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर, महिलाओं के स्वास्थ्य खंड के प्रति अत्यधिक उत्साही हैं और कंपनी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की योजना बना रही है।
यह इन-लाइसेंसिंग अवसरों में भी रुचि रखता है। मार्च में एमक्योर ने कार्डेस Cardace), क्लेक्सेन (Clexane), टारगोसिड Targocid), लासिक्स (Lasix) और लासिलैक्टोन (Lasilactone) सहित सनोफी इंडिया (Sanofi India) के कार्डियोवास्कुलर ब्रांडों को विशेष रूप से डिस्ट्रीब्यूट करने और बढ़ावा देने के लिए सनोफी के साथ एक समझौता किया था।
मेहता ने कहा, ‘महिलाओं के स्वास्थ्य के मामले में हमारे पास एक सर्वेक्षण की स्थिति है, और साथ ही इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है क्योंकि मौजूदा बाजार में कमियां हैं। हम टियर-2 और टियर-3 शहरों में जा सकते हैं और पहुंच और पैठ पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। कुल मिलाकर 25000 स्त्री रोग विशेषज्ञ (gynaecologists) हैं और उनमें से लगभग 35-40 फीसदी हमारे पास हैं।’
उन्होंने कहा: ‘मेरी बेटी नमिता थापर (जो एमक्योर की एग्जिक्यूटिव डजायरेक्टर हैं) महिला स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर बेहद पैसनेट हैं और हम आगे चलकर उस क्षेत्र में बहुत काम करने का इरादा रखते हैं। IVF सेगमेंट में हमारी स्थिति काफी अच्छी है। चूंकि महिलाओं का स्वास्थ्य एक निग्लेक्टेड एरिया है, इसलिए देश बड़े पैमाने पर हेल्थकेयर पर जितना अधिक खर्च करता रहता है; महिलाओं के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।’
फार्मारैक (Pharmarack) के अनुसार, एमक्योर (अपनी शाखा Zuventus के साथ) मई 2024 तक घरेलू फार्मा मार्केट में 12वें स्थान पर है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में ओरल, इंजेक्टेबल्स, बायोथेराप्यूटिक्स शामिल हैं और भारत, यूरोप और कनाडा सहित 70 देशों में इसकी उपस्थिति है।
मेहता ने कहा, ‘जहां तक हमारी सब्सिडियरी कंपनी जुवेंटस (Zuventus) का सवाल है, यह अधिक तेज चिकित्सा पर केंद्रित है। यह वास्तव में एक बहुत अच्छी बात है क्योंकि मूल फर्म एमक्योर ज्यादा क्रोनिक फोकस्ड है, जबकि जुवेंटस अधिक एक्यूट फोकस्ड है। यह इसी तरह रहेगा।’
जहां तक इसकी बायोटेक सब्सिडियरी जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (Gennova Biopharmaceuticals Ltd) की बात है, तो यह अधिक रोग क्षेत्रों के लिए समाधान खोजने के लिए m-RNA प्लेटफॉर्म पर रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी। जेनोवा ने महामारी के दौरान स्वदेशी m-RNA आधारित कोविड19 वैक्सीन विकसित की है।
एमक्योर की भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, सिक्किम और कर्नाटक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 13 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। मेहता ने कहा, ‘फिलहाल हमारे पास पर्याप्त क्षमता है, कुछ फैक्टरीज हैं जिन्हें हमने हाल ही में चालू किया है।’