facebookmetapixel
दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली-एनसीआर में फिर गूंजेंगे ‘ग्रीन’ पटाखेDIIs ने 2025 में किया रिकॉर्ड निवेश, भारतीय बाजार में अब तक झोंके 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादातरुण गर्ग होंगे हुंडई मोटर इंडिया के नए एमडी एंड सीईओ, 1 जनवरी 2026 से संभालेंगे जिम्मेदारीTech Mahindra share: Q2 में मुनाफे पर चोट से शेयर 2% फिसला, निवेशक अब क्या करें; बेचें या होल्ड रखें?Gold silver price today: धनतेरस से पहले सोने के भाव ने फिर बनाया रिकॉर्ड, चांदी भी हुई महंगी; चेक करें आज के रेटIPO के बाद Tata Capital की पहली तिमाही रिपोर्ट जल्द, जानें तारीखUS Green Card: अमेरिकी ग्रीन कार्ड पाना होगा मुश्किल या आसान? ट्रंप सरकार जल्द ला सकती है नए नियमचीन और वियतनाम के समान हो PE टैक्स नियम, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की सरकार से मांगLG Electronics Share: बंपर लिस्टिंग के बाद भी ब्रोकरेज बुलिश, बोले – अभी 20% और चढ़ सकता है शेयरSamvat 2082 में पैसा बनाने का बड़ा मौका! एक्सपर्ट से जानें शेयर, MF और गोल्ड में निवेश के टिप्स

SEBI के नए नियमों से F&O लिस्ट में 35 नई कंपनियों की एंट्री, 26 होंगी बाहर

एफऐंडओ की पात्रता शर्तों में पिछली बार 2018 में संशोधन हुआ था और यह सूची पिछले दो साल से चली आ रही है।

Last Updated- July 15, 2024 | 10:53 PM IST
Adani bribery case: Adani Group on SEBI's radar, may investigate violation of disclosure rules SEBI की रडार पर अदाणी ग्रुप, डिस्क्लोजर नियमों के उल्लंघन की कर सकती है जांच

बाजार नियामक सेबी के विश्लेषण के मुताबिक डेरिवेटिव की पात्रता के लिए शेयरों के नए नियमों से सूची में मौजूदा 182 शेयरों की संख्या बढ़कर 191 तक पहुंच सकती है। सेबी ने एक नोट में कहा कि इस संशोधन से वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) से 26 शेयर बाहर निकल सकते हैं जबकि 35 शामिल हो सकते हैं। लेकिन इससे बेंचमार्क सूचकांकों निफ्टी-50 व सेंसेक्स के शेयरों में तत्काल कोई बदलाव नहीं होगा। इन सूचकांकों का हिस्सा बनने के लिए उन्हीं शेयरों को चुना जा सकता है जो एफऐंडओ के पात्र होते हैं।

एफऐंडओ की पात्रता शर्तों में पिछली बार 2018 में संशोधन हुआ था और यह सूची पिछले दो साल से चली आ रही है। सेबी का विश्लेषण मई के आंकड़ों पर आधारित है। सेबी का फैसला हालांकि अधिसूचना जारी होने के बाद लागू होगा लेकिन नियामक ने पहले कहा था कि ये बदलाव इस बारे में परिपत्र जारी होने के तीन महीने बाद लागू होंगे।

जून की बोर्ड बैठक में नियामक ने पात्रता मानकों में संशोधन को मंजूरी दी थी। इसके तहत कथित मार्केट वाइड पोजीशन, मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज और नकदी बाजार में रोजाना औसत डिलिवरी वैल्यू की ज्यादा लिमिट रखी गई है। नियामक की योजना इंडेक्स डेरिवेटिव की तरह स्टॉक डेरिवेटिव के लिए प्रॉडक्ट सक्सेस फ्रेमवर्क शुरू करने की भी है।

स्टॉक डेरिवेटिव के लिए प्रॉडक्ट सक्सेस फ्रेमवर्क से पर्याप्त टर्नओवर, ओपन इंटरेस्ट और ज्यादा ब्रोकरों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होगी। परामर्श प्रक्रिया में सेबी को एकल शेयरों के लिए प्रॉडक्ट सक्सेस फ्रेमवर्क के खिलाफ ज्यादा टिप्पणी मिली थी और बाजार के भागीदारों ने इस प्रस्ताव को हलका बनाने का अनुरोध किया था।

First Published - July 15, 2024 | 10:53 PM IST

संबंधित पोस्ट