ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ज़ी) का शेयर मंगलवार को 30.5 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। यह उसकी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ 10 अरब डॉलर का विलय समझौता समाप्त होने के बाद पैदा हुई चिंताओं से जी के शेयर में यह बड़ी गिरावट आई।
मंगलवार को कंपनी का शेयर एनएसई पर 160.9 रुपये पर बंद हुआ, जो उसके पिछले बंद भाव के मुकाबले 70.5 रुपये या 30.5 प्रतिशत की गिरावट है। पुनीत गोयनका के नेतृत्व वाली कंपनी की बाजार वैल्यू करीब 7,300 करोड़ रुपये घट गई। एनएसई और बीएसई पर जी के करीब 4,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों का कारोबार हुआ।
दिन के कारोबार में ज्यादातर समय इस शेयर में 20 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन उस खबर के बाद इसमें बिकवाली तेज हो गई जिसमें कहा गया कि बाजार नियामक सेबी की जांच से पता चला है कि जी के प्रवर्तकों ने समूह की कंपनियों से 800-1,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
शुरू में हेराफेरी का आंकड़ा 200 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया था। सोनी के साथ विलय सौदा समाप्त होने के बाद करीब आधा दर्जन ब्रोकरों ने ज़ी के शेयर की रेटिंग घटा दी। साथ ही नकदी की किल्लत से जूझ रही इस कंपनी के लिए उन्होंने आय मल्टीपल भी कम कर दिया गया।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज में विश्लेषक अबनीश रॉय ने कहा, ‘सोनी द्वारा टर्मिनेशन शुल्क मांगने, ज़ी की नई रणनीति और भागीदारों से जुड़ी अनिश्चितता की वजह से जी का अल्पावधि मूल्यांकन कमजोर बना रहेगा। विलय पर हमने सकारात्मक रुख अपनाया था। उद्योग के हालात में बदलाव और विज्ञापन खर्च में सुस्त सुधार की वजह से हम वित्त वर्ष 2025/वित्त वर्ष 2026 के अनुमानित ईपीएस में 16 से 24 प्रतिशत तक की कटौती कर रहे हैं और 190 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘घटाएं’ रेटिंग दे रहे हैं।’
विलय सहयोग समझौते (एमसीए) के कथित उल्लंघन की वजह से सोनी ने 9 करोड़ डॉलर के टर्मिनेशन शुल्क की मांग की थी, लेकिन जी ने यह शुल्क चुकाने से इनकार कर दिया।
सीएलएसए में विश्लेषक दीप्ती चतुर्वेदी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विलय समाप्त होने से जी का मूल्यांकन घटकर 12 गुना पीई स्तर (अगस्त 2021) पर रह जाएगा। प्रवर्तक शेयर गिरवी संकट (2019 में) और व्यवसाय में नकदी किल्लत के दौरान शेयर की रेटिंग में गिरावट का खतरा पैदा हो गया था। साथ ही रिलायंस और डिज्नी स्टार के संभावित विलय के बाद प्रतिस्पर्धा बढ़ने का अनुमान है।
नुवामा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘रिलायंस का वायाकॉम और डिज्नी+हॉटस्टार सौदा (रिलायंस की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ) जल्द ही पूरा होने की संभावना है। दोनों कंपनियों को आईपीएल, आईसीसी और अन्य भारतीय क्रिकेट सीरीज जैसे प्रमुख क्रिकेट प्रसारण अधिकार हासिल हैं। हमारी नजर में जी को स्पोर्ट्स में एक प्रमुख कंपनी बनने और अपने ओटीटी को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय भागीदार की जरूरत होगी।’
बाजार जानकारों का कहना है कि 4 प्रतिशत से कम की प्रवर्तक हिस्सेदारी और प्रवर्तकों के खिलाफ धन के गलत इस्तेमाल के आरोपों से जी के परिदृश्य पर अनिश्चितता पैदा हुई है। इलारा कैपिटल के करण तौरानी ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘विलय सौदा समाप्त होने से जी के लिए कीमत लक्ष्य 130 रुपये से 170 रुपये के दायरे में रह सकता है।’