म्युचुअल फंड योजनाओं की कुछ निश्चित श्रेणियों की तरफ से जोमैटो के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में निवेश पर बाजार पर नजर रखने वालों ने चिंता जताई है। कुल 74 योजनाओं के जरिए 19 म्युचुअल फंडों ने जोमैटो में एंकर निवेशक के तौर पर निवेश किया है। इनमें लार्ज, मिड व स्मॉलकैप फंड और वैल्यू, बैलेंस्ड एडवांटेज्ड, हाइब्रिड और डिविडेंड यील्ड फंड शामिल हैं।
विशेषज्ञों ने इन फंडों की तरफ से जोमैटो में निवेश की व्यवहार्यता पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि ऐसे फंड मोटे तौर पर संकीर्ण निवेशकों के लिए होते हैं और जोमैटो उच्च जोखिम वाला दांव नजर आ रहा है, सूचीबद्धता पर दिख सकता है। एसआरई वेल्थ के सह-संस्थापक और सीईओ कीर्तन शाह ने कहा, फंड मैनेजरों ने हमेशा से सकारात्मक नकदी प्रवाह, मुनाफा मार्जिन, राजस्व की बढ़त, शानदार आरओई और अनुकूल कर्ज-इक्विटी अनुपात वाली कंपनियों में निवेश केबारे में बात की है। इस लिहाज से जोमैटो उसमें फिट नहीं बैठती क्योंकि यह नुकसान वाली कंपनी है और उसका नकदी प्रवाह नकारात्मक है। हां, यह समय चुनौती भरा है, लेकिन कम से कम फंड के मकसद को बरकरार रखा जाना चाहिए।
उदाहरण के लिए डिविडेंड यील्ड फंड को इक्विटी में 65 फीसदी निवेश करना होता है, लेकिन इसमें डिविडेंड वाले शेयरों का वर्चस्व होता है। वैल्यू फंड हमेशा ही मूल्यवान निवेश रणनीति का पालन करता है और ऐसे शेयरों में निवेश चाहता है, जिसकी वैल्यू फंडामेंटल के लिहाज से कम होती है और इसी मानक का वह पालन करता है मसलन आय के मुकाबले कम कीमत, प्राइस टु बुक रेश्यो आदि।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के निदेशक धवल कपाडिय़ा ने कहा, म्युचुअल फंड योजनाओं को क्या करना चाहिए, इसे बहुत सख्ती से पारिभाषित नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए इसी वजह से भारत में शुद्ध वैल्यू फंड नहीं है। ऐसे में फंड वहां निवेश कर सकता है जो उसके फंड स्टाइल से जुड़ाव नहीं रखता। आईपीओ में निवेश अल्पावधि का लाभ हासिल करने के लिए भी हो सकता है, बजाय इसके कि उसमें लंबे समय तक निवेशित रहा जाए।
शाह ने कहा, हम तर्क दे सकते हैं कि फंड मैनेजर के पास कहीं भी निवेश करने की छूट होती है। लेकिन यह भी जरूरी है कि व्यावहारिक तौर पर इसे कैसे देखा जाता है। उदाहरण के लिए लार्जकैप फंड को सैद्धांतिक रूप से 80 फीसदी लार्जकैप में निवेश करना होता है और बाकी कहीं भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि 20 फीसदी रकम स्मॉलकैप शेयरोंं में लगा दिया जाए। फंड मैनेजरों को फंड के बड़े मकसद से चिपके रहने की दरकार होती है।
बड़े फंडों में सिर्फ डीएसपी एमएफ और इन्वेस्को एमएफ ने एंकर बुक में भागीदारी नहीं की, जिसमें 180 से ज्यादा नाम शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि कुछ देसी एमएफ इससे दूर हैं क्योंकि यह उनकी आंतरिक लाभप्रदता के मानक को पूरा नहीं करता। दूसरी ओर, निवेश की इच्छा रखने वाली कई छोटी एएमसी इससे दूर रही क्योंकि इन्वेस्टमेंट बैंकर मोटे तौर पर बड़े नामों बड़े चेक को एंकर के तौर पर प्राथमिकता देते हैं। एमएफ के एक अधिकारी ने कहा, जोमैटो काफी जोखिम वाला दांव नजर आ र हा है और इस शेयर में निवेश से दूर रहना संकीर्ण फंडों के बेहतर हित में है।