बजट की घोषणाओं के साथ शेयर बाजार में आज उतार-चढ़ाव देखा गया। मगर कारोबार की समाप्ति पर यह लगभग सपाट बंद हुआ। आयकर में कटौती से खपत मांग बढ़ने की उम्मीद में उपभोक्ता कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। लेकिन बुनियादी ढांचा क्षेत्र के शेयरों में गिरावट के कारण सूचकांक अपनी बढ़त कायम नहीं रख पाए।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 77,899 की ऊंचाई छुई तो 77,006 के निचले स्तर तक भी आया। कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स लगभग सपाट 77,506 पर बंद हुआ और निफ्टी 19 अंक की मामूली बढ़त के साथ 23,490 पर बंद हुआ। आम बजट के कारण शनिवार को शेयर बाजारों में विशेष सत्र हुआ। घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए सरकार ने व्यक्तिगत करदाताओं को बड़ी राहत का ऐलान किया है।
अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को कोई आयकर नहीं देना होगा। पहले कर मुक्त आय की सीमा सालाना 7 लाख रुपये थी। 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ वेतनभोगी करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा 12.75 लाख रुपये होगी। इसके अलावा कर की दरों में भी बदलाव किया गया है जिससे हर श्रेणी के करदाताओं को लाभ होगा। सरकार के इस कदम का मकसद परिवारों की खपत बढ़ाना और निवेश में तेजी लाना है।
ALSO READ: बजट घोषणा से लेदर सेक्टर में जोश, तूफान बना यह पेनी स्टॉक
कर कटौती की उम्मीद से उपभोक्ता केंद्रित कंपनियों के शेयरों में बढ़त हुई। आईटीसी में 3.3 फीसदी की तेजी आई। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की तेजी जोमैटो में दर्ज की गई। बीएसई एफएमसीजी सूचकांक 2.9 फीसदी बढ़कर बंद हुआ जो 6 जून, 2024 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी तेजी है।
रिटेल श्रृंखला चलाने वाली एवेन्यू सुपरमार्ट का शेयर 9.6 फीसदी और ट्रेंट 7.5 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ। इलेक्ट्रिक उपकरण और घरेलू सामान बनाने वाली कंपनी हैवल्स में 5.7 फीसदी और शराब कंपनी रेडिको खेतान में 9.4 फीसदी तथा यूनाइटेड स्पिरिट्स में 5 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘2024 के आम चुनावों के जनादेश के सबक को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गरीब, मध्यवर्ग और एसएमई को राहत देने के उपाय किए हैं। पूंजीगत खर्च में ज्यादा इजाफा नहीं किया गया है। कर कटौती का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने में कुछ तिमाही लग सकती हैं लेकिन इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलने की संभावना है जो हाल के समय में नरम पड़ी है।’
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा कि सरकार ने उन क्षेत्रों को प्रोत्साहन दिया है जिन पर अमेरिका-चीन शुल्क युद्ध का असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले चीन के सामान में सबसे अधिक हिस्सा खिलौनों, चमड़े के उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का होता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन का ऐलान किया है। कर कटौती से लोगों, खास तौर पर मध्यवर्ग के हाथों में खर्च के लिए ज्यादा पैसे होंगे जिससे उपभोक्ता कंपनियों को फायदा होगा।’
कर कटौती से सरकारी खजाने पर 1 लाख करोड़ रुपये का भार पड़ेगा जिसे देखते हुए सरकार ने पूंजीगत खर्च में मामूली ही इजाफा किया है और इसे 11.21 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। पिछले वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च के मद में 10.18 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। पूंजीगत खर्च में ज्यादा इजाफा नहीं होने से लार्सन ऐंड टुब्रो का शेयर 3.4 फीसदी नीचे बंद हुआ। अल्ट्राटेक में 2.3 फीसदी और अंबुजा सीमेंट में 2.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 20,000 करोड़ रुपये घटकर 424 लाख करोड़ रुपये रहा।
मुखर्जी ने कहा, ‘जिन निवेशकों ने सरकार के पूंजीगत खर्च से फायदे में रहने वाली कंपनियों के शेयरों को खरीदा था, उन्हें निराशा हुई है। पूंजीगत खर्च के दम पर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का जोर इस बार नहीं दिखा।’ आज नकद खंड में 1.08 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जो जनवरी में मासिक औसत 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,327 करोड़ रुपये की बिकवाली की। जनवरी में उन्होंने 86,367 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी।